कन्नौज : एम्बुलेंस न मिलने पर पति ने पत्नी को ठेले से पहुंचाया जिला अस्पताल 

कन्नौज : एम्बुलेंस न मिलने पर पति ने पत्नी को ठेले से पहुंचाया जिला अस्पताल 

डिजिटल डेस्क, कन्नौज। उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला वीआईपी जिलों में से एक कहा जाता है। जहां पर दावा किया जाता है कि केवल एक फोन कॉल पर यहां घर के दरवाजे पर एंबुलेंस पहुंच जाती है। सरकार के इसी दावे की पोल खोलती तस्वीरें सामने आई हैं। जहां एक शख्स अचानक बीमार हुई अपनी पत्नी को हाथठेले पर जिला अस्पताल ले गया। इस घटना ने प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल दी है और जमीनी हकीकत को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया है। प्रदेश में चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते मरीज कहीं अपने पिता के कंधों पर दम तोड़ रहे हैं तो कहीं परिजन मरीज को ठेले और चारपाई से ढो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला 

सदर कोतवाली की हैबतपुर कटरा की एक महिला की तबीयत अचानक से खराब हो गई। इस पर पति ने निजी डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि किडनी में कोई समस्या होने के कारण दिक्कत है। जिसके बाद महिला के पति ने कई बार 108 एंबुलेंस को फोन किया, पर कई घंटों तक इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची। जिसके बाद पत्नी की हालत को देखते हुए पति को मबूरन उसे हाथठेले पर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। जिला अस्पताल गांव से 9 कलोमीटर की दूरी पर था। इस घटना को देखकर हर कोई हथप्रभ रह गया।

एम्बुलेंस ने आने से किया इंकार 

घटना के बाद युवक का कहना है कि वह घंटों 108 एम्बुलेंस सेवा पर कॉल करता रहा लेकिन पहले फोन नहीं लगा, जब लगा तो डीजल ना होने और गाड़ी पंचर होने का बहाना बनाया गया। पीड़ित के कई बार फोन करने के वाबजूद एम्बुलेंस जब नहीं आयी तो पीड़ित ने मजबूरी में अपनी पत्नी को ठेले पर लादा और पैदल खींचकर 9 किलोमीटर दूर अस्पताल लेकर गया। आरोप है कि एम्बुलेंस सेवा 108 के ड्राइवर ने दो टूक जवाब दिया कि गांव नहीं आ पाएंगे, विनोद दीक्षित चिकित्सालय मकरंद नगर ले आओ तब ले चलेंगे।

ये कोई पहला मामला नहीं है जब कोई परिजन मरीज को हाथठेले पर लेकर गया हो। इस तरह के मामले देशभर से कई बार सामने आ चुके हैं जो सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। 

Created On :   4 May 2018 4:21 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story