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काव्य ने अंग्रेजी में लिखी भगवद्गीता किडास्टिक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 10 साल का बालक अपनी कल्पनाओं को किताब की शक्ल दे सकता है, इस पर यकीन कर पाना शायद मुश्किल हो, पर शहर के देशपांडे ले-आउट निवासी काव्य अग्रवाल ने इसे संभव कर दिखाया है। वर्धमान नगर स्थित सेंटर प्वाइंट स्कूल के छात्र काव्य अभी तक 150 से अधिक प्रमाणपत्र और 25 से अधिक मेडल जीत चुके हैं। काव्य महज डेढ़ वर्ष की उम्र से हनुमान चालीसा बोलने लगे थे। उन्होंने दो महीने में अंग्रेजी में "भगवद्गीता किडास्टिक" नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें भगवद्गीता के 18 अध्याय हैं। वे कान्हा जी को बहुत पसंद करते हैं। काव्य दो बार "इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड" में नाम दर्ज करा चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें "नेशन स्टार आइकॉन किड्स अचीवर" अवॉर्ड भी मिल चुका है। काव्य न केवल पढ़ाई में अव्वल हैं, बल्कि वे ड्राइंग, पेटिंग, खेल, लेखन आदि क्षेत्रों में रुचि रखते हैं।
पुस्तक में विवरण के साथ चित्र भी
काव्य हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहते हैं। काव्य ने बताया कि उन्होंने भगवद्गीता को पढ़ा है। दो महीने पहले सोचा कि भगवद्गीता लिखनी चाहिए। फिर उन्होंने लिखना शुरू किया। अंग्रेजी में भगवद्गीता के 18 अध्याय लिखे। भगवद्गीता में लिखी हर बातें कहीं न कहीं हमें प्रतिदिन की दिनचर्या से जोड़ती हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि दुनिया में बहुत सारे लोग दु:खी हैं, लेकिन जो हुआ, अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए हो रहा है और जो होगा वो भी अच्छे के लिए होगा। पुस्तक में न केवल विभिन्न श्लोकों के अर्थ को समझाया गया है, बल्कि खूबसूरत चित्रों से सजाया गया है।
हर जगह साथ होते हैं कान्हा जी : काव्य ने बताया कि उन्हें कान्हा जी बहुत पसंद हैं। कहीं भी जाएं, कान्हा जी साथ होते हैं। लॉकडाउन में भी उन्होंने कई क्रिएटिव वर्क किए। उन्होंने बताया है कि हर अध्याय हमारी नियमित दिनचर्या में बहुत महत्व रखता है। जीवन में समस्याएं तो बहुत हैं, लेकिन उनका समाधान भी है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में निराश नहीं होना चाहिए। हर परिस्थिति का हंसते-मुस्कुराते हुए सामना करना चाहिए। काव्य की माता रश्मि अग्रवाल गृहिणी तथा पिताजी राज अग्रवाल बिजनेसमैन हैं।
Created On :   18 Nov 2021 6:46 PM IST