खास तौर से उच्च रक्तचाप किडनी के लिए सबसे बड़ी समस्या पैदा करता है। इंसान की स्वस्थ जीवन शैली ही उसे इस समस्या से बचा सकती है। मुंबई के एक पांच सितारा होटल में आयोजित इस व्याख्यान के दौरान डा चुुंग ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किडनी से जुड़ी बीमारी की जितनी जल्दी पड़ताल होगी बीमारी को उतनी ही तेजी से खत्म की जा सकती है।
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किडनी रोग से बचना है तो हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रखें कंट्रोल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर ही किडनी को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। विश्व के जाने-माने किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ ली वाई चुुंग ने ‘उत्तम जीवन के लिए किडनी का बचाव’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में जानकारी दी। सिंगापुर से आये डाक्टर चुुंग ने साफ किया कि उच्च रक्तचाप यानी हाईब्लड प्रेशर व डायबिटीज किडनी की बीमारी की सबसे बड़ी वजह है।


मानव शरीर में जब क्रिएटिनिन नामक घटक की बढोत्तरी होती है तो किडनी की बीमारी का खतरा बढता है। इसलिए यदि मरीज को अपने क्रिएटिनन में मामूली बढोत्तरी की जानकारी मिले तो वह तुरंत इलाज के लिए विशेषज्ञ से मिले। आमतौर पर पुरुषों में क्रिएटनिन का स्तर 0.9 से1.3 एमजी-डीएल व महिलाओं में इसका सामान्य स्तर 0.6 से1.1एमजीडीएल होता है।

अपनी किडनी सबसे अच्छी
किडनी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) के विषय में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डॉ चुुंग ने कहा कि अपनी किडनी से बेहतर कुछ नहीं होता, फिर चाहे वह कितनी भी खराब स्थिति में क्यों न हो। जहां तक बात किडनी के प्रत्यारोपण के बाद की स्थिति की है तो यह नई कार खरीदने जैसा बिल्कुल नहीं है। नई कार की दो साल तक वारंटी होती है लेकिन किडनी के मामले में ऐसा नहीं है।

सर्जरी के बाद यदि ठीक से देखभाल व परहेज किया गया तो वह 15 से 17 साल तक चल सकती है। उन्होंने कहा कि अंगों की तत्करी पर शिंकजा कसने के लिए अंगदान को लेकर हर देश ने अपने यहां पर कड़े कानून बनाए है। क्योंकि किसी भी देश की सरकार इस संबंध में कोई रियायत नहीं दे सकती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत और चीन में यह बीमारी पहले से थी, पर अब यहां डाग्नोसिस होने के कारण लोगों में यह बीमारी चिन्हित हो पा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह किडनी की बीमारी पहले नहीं थी इस दौरान डाक्टर किरान लिम ने लिवर से जुड़ी बीमारी व उसके उपचार को लेकर लोगों को जानकारी दी।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।