किसानों की रूचि एवं संभावनाओं को ध्यान में रखकर बनाएं जिलेवार उद्यानिकी की कार्ययोजना

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किसानों की रूचि एवं संभावनाओं को ध्यान में रखकर बनाएं जिलेवार उद्यानिकी की कार्ययोजना

डिजिटल डेस्क, भिण्ड। किसानों की रूचि एवं संभावनाओं को ध्यान में रखकर हर जिले के लिये उद्यानिकी की कार्ययोजना बनाएं। कार्ययोजना ऐसी हो जो किसानों की आय का प्रमुख जरिया बने। इस आशय के निर्देश उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने रविवार को ग्वालियर में आयोजित बैठक में अधिकारियों को दिए। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अधिकारियों की बैठक में उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। रविवार को राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों में अपार संभावनायें हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की राय लेकर ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि विकासखंड वार सब्जियाँ, फल, फूल, औषधीय व मसाला फसलों की संभावनाओं का आंकलन कर जिले की कार्ययोजना को अंतिम रूप दें। कार्ययोजना ठीक होने पर सरकार द्वारा धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाने पर विशेष जोर दिए जाने के निर्देश भी दिए । राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा भी उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी अधिकारी पूरी गंभीरता के साथ किसानों को उद्यानिकी फसलों के लिये प्रेरित करें। वर्तमान दौर में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिये अनुकूल परिस्थितियां हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकार द्वारा संचालित आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उद्यानिकी विभाग की योजनाओं को जोड़कर किसानों को लाभान्वित कराया जाए। जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देकर हम कृषि कर्मण पुरस्कार की तरह राष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त कर सकते हैं। ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों में फल, सब्जी, मसाला, पुष्प एवं औषधीय वनस्पतियों के उत्पादन की समीक्षा के साथ राज्यमंत्री ने। नर्सरियों की वास्तविक स्थिति भी जानी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि उद्यानिकी को बढ़ावा देने में संसाधनों की कमी नहीं आने दी जायेगी। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि किसानों को मजबूरन कम दाम पर अपनी सब्जियां न बेचनी पड़ें, इसके लिये सरकार मंडी में कोल्ड रूम बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यानिकी फसलों के लिये फसल बीमा योजना के तहत ली जाने वाली प्रीमियम राशि को कम करने एवं बीमा क्लेम बढ़ाने के लिये शासन स्तर पर बीमा कंपनी एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जायेगी। बैठक में संभागीय संयुक्त संचालक उद्यानिकी श्री रतन सिंह कटारा सहित ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। विभागीय नर्सरी होंगी पुनर्जीवित उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने विभागीय रोपणियों (नर्सरियों) को पुनर्जीवित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हर जिले में जिला मुख्यालय की नर्सरी को मॉडल बतौर विकसित करें। इसमें उन सभी प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हों जिनकी जिले में माँग है। जरूरत होने पर बाहर से भी पौधे मंगाए जाएं। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने निर्देश दिए कि हर जिले में स्थित नर्सरियों का श्रेणीकरण करें। सी-श्रेणी की नर्सरी को बी में और बी-श्रेणी की नर्सरी को ए श्रेणी में लाने के प्रयास किए जाएं। नर्सरी को सुरक्षित करने के लिये जालीदार फैंसिंग करने की बात भी उन्होने कही। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा जिला मुख्यालय की नर्सरी में पॉलीहाउस बनाए जाएं। साथ ही उद्यानिकी फसलों में विशेष रूचि रखने वाले किसानों को भी पॉलीहाउस निर्माण के लिये विभागीय योजनाओं के तहत अनुदान मुहैया कराया जाए। संभाग के शेष जिले भी उद्यानिकी मिशन में शामिल कराए जायेंगे राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने बैठक में जानकारी दी कि ग्वालियर संभाग के शिवपुरी व चंबल संभाग के भिण्ड, मुरैना व श्योपुर जिले को भी उद्यानिकी मिशन में शामिल कराने के लिये गंभीरता से प्रयास किए जायेंगे। ग्वालियर संभाग के अन्य जिले पहले से ही उद्यानिकी मिशन में शामिल हैं।

Created On :   21 July 2020 8:09 AM GMT

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