तेजी से बढ़ रही किडनी के मरीजों की संख्या

Kidney patients are increasing very rapidly in Vidarbha region
तेजी से बढ़ रही किडनी के मरीजों की संख्या
तेजी से बढ़ रही किडनी के मरीजों की संख्या

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. धनंजय उखलकर ने कहा कि, असंक्रामक बीमारियों से मरने वालों की संख्या संक्रामक बीमारियों से मरने वालों के मुकाबले ज्यादा है। असंक्रामक बीमारियों में किडनी के मरीजों की संख्या विदर्भ में तेजी से बढ़ रही है। किडनी के मरीजों में क्रयशक्ति रखने वालों की संख्या ज्यादा रहने से भविष्य में आर्थिक और मानव संसाधन की भारी क्षति होने का खतरा मंडरा रहा है। असंक्रामक बीमारियों के खतरे से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बननी चाहिए। 

नेफ्रोलॉजी सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. एच.आर. सालकर की स्मृति में प्रोफेशनल एक्सिलेंस अवार्ड से डॉ. उखलकर को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वे संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, भारत में बजट का 5 प्रतिशत निधि स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया जाता है। इसमें से अधिकांश खर्च संक्रामक बीमारियों पर होता है। निधि कम पड़ने से असंक्रामक बीमारियां उपेक्षित रह जाती हैं।

एविडेंस के आधार पर हो उपचार : डॉ. गुप्ता ने कहा कि, एविडेंस के आधार पर उपचार प्रभावी होता है। यह उपचार की सर्वोत्कृष्ट पद्धति है। इस विषय पर उनकी "इसेंशियल ऑफ एविडेंस बेस्ड मेडिसिन-प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस" पुस्तक का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद डॉ. विकास महात्मे ने किया। इस अवसर पर विधायक डॉ. मिलिंद माने, नेफ्रोलॉजी सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. समीर चौबे, डॉ. मनीष बलवानी, एपीआई के अध्यक्ष डॉ. शंकर खोब्रागड़े, सचिव डॉ. अमोल मेश्राम, डॉ. वैलेंटाइन लोबो, आईएपी के डॉ. महेश तुराले उपस्थित थे। 

अन्य देशों के मुकाबले भारत में स्वास्थ्य सेवा पर खर्च काफी कम
अन्य देशों के मुकाबले भारत में स्वास्थ्य सेवा पर किया जाने वाला खर्च काफी कम है। उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने की जरूरत है। इसी के साथ स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली के प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वातावरण में परिवर्तन के चलते किडनी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने की उन्होंने जानकारी दी। अज्ञात कारणों से होने वाले किडनी रोग पर उन्होंने कहा कि अधिकांश इसका पता ही नहीं चलता। कैडमियम, आर्सेनिक, फ्लोराइड का अपेक्षा से अधिक सेवन, कीटनाशक, भारी पानी, स्थानीय स्तर पर बनने वाले मादक पदार्थ, समांतर उपचार पद्धति में औषधोपचार भी किडनी की बीमारी का कारण हो सकता है। 
 

Created On :   18 March 2019 10:46 AM GMT

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