किरीट सोमैया और उनके बेटे को मुंबई पुलिस ने फिर भेजा समन

Kirit Somaiya and his son were again summoned by the Mumbai Police
किरीट सोमैया और उनके बेटे को मुंबई पुलिस ने फिर भेजा समन
अग्रिम जमानत अर्जी खारिज  किरीट सोमैया और उनके बेटे को मुंबई पुलिस ने फिर भेजा समन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय नौसेना के युद्धपोत विक्रांत को बचाने के लिए इकठ्ठा की गई निधि में हेरफेर के मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक बार फिर समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों को सवालों के जवाब देने के लिए बुधवार (13 अप्रैल) को हाजिर रहने को कहा गया है। मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा की एक टीम सोमैया के घर और ऑफिस में भी तलाशी लेने पहुंची थी। वहीं मामले में पिता-पुत्र की मुश्किलें बढ़ गईं हैं क्योंकि नील सोमैया की भी अग्रिम जमानत अर्जी सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी। इससे पहले किरीट सोमैया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। अब दोनों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पुलिस का दावा है कि किरीट और नील का विक्रांत मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही अतापता नहीं है।  मामले में सोमैया पिता-पुत्र को इससे पहले भी पुलिस समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला चुकी है लेकिन उस समय दोनों पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे। मामले में ट्रांबे पुलिस स्टेशन में किरीट सौमैया और नील के खिलाफ धोखाधड़ी और संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। अब मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा के हवाले कर दी गई है।  

क्या है मामला

मामले में बबन भोसले नाम के पूर्व सैन्यकर्मी ने ट्रांबे पुलिस से यह कहते हुए शिकायत की है कि किरीट और नील ने आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए फंड जुटाने की मुहिम शुरू की थी। इस दौरान लोगों से 57 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि एकत्र की गई थी। हालांकि 1997 में सेना से हटाए गए इस युद्धपोत को जनवरी 2014 में ऑनलाइन नीलाम कर दिया गया था। आरोप है कि नीलामी के बावजूद सोमैया पिता-पुत्र ने लोगों से ली गई राशि महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में जमा कराने की बजाय इसका दुरुपयोग किया।  

सोमैया की सफाई

आरोपों के घेरे में फंसे किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो संदेश पोस्ट करते हुए लिखा है कि साल 2013 में कांग्रेस-राकांपा की सरकार ने विक्रांत जहाज को भंगार वाले को 60 करोड़ रुपए में बेंचने का फैसला किया। हमने इसका विरोध किया। भाजपा ने 10 दिसंबर को चर्चगेट स्टेशन पर एक घंटे तक प्रतीकात्मक, सांकेतिक रुप से निधि संकलन का कार्यक्रम किया था। इसमें करीब 11 हजार जमा हुए। इसके बाद भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की अगुआई में भाजपा व शिवसेना के नेता, सांसद और मैं 17 दिसंबर 2013 को राष्ट्रपति से मिले उन्हें पूरी जानकारी दी। तत्कालिन राज्यपाल को भी बताया और अब 10 साल बाद संजय राऊत कहते हैं कि किरीट सोमैया ने 58 करोड़ रुपए हड़प लिए और चार बिल्डरों के जरिए नील सोमैया की कंपनी में जमा करा दिए। उनके और पुलिस के पास कोई सबूत नहीं हैं। शिकायतकर्ता बता रहे हैं कि मैं संजय राऊत के बयान के चलते आया हूं। संजय राऊत इससे पहले इस तरह के सात बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। मैं घोटालेबाज सरकार के सभी घोटालेबाजों पर कार्रवाई होने तक चुप नहीं बैठूंगा। मैं हाईकोर्ट जा रहा हूं वहां सारी सच्चाई बताऊंगा। 

 

Created On :   12 April 2022 8:38 PM IST

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