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कृपाल तुमाने ने संसद में उठाया फेरो एलॉय प्रोजेक्ट का मसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना सांसद कृपाल तुमाने ने लोकसभा में सावनेर तहसील स्थित गुमगाव में फेरोएलॉय प्रोजेक्ट का मसला उठाया और मांग की कि इस सुस्त पड़े प्रकल्प को शीघ्र पूरा कराने को लेकर सरकार निर्देश दे। उन्होने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा। तुमाने ने यह मसला बुधवार को नियम 377 के तहत उठाया। उन्होने कहा कि रामटेक संसदीय क्षेत्र में मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड की कई खदानें हैं। यहां मैंगनीज से बनने वाले अनेक उत्पाद बनाए जा सकते हैं। वर्ष 2019 में सावनेर तहसील के गुमगाव में फेरोएलाय प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ था। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से मॉयल न सिर्फ खनन में बल्कि मिश्र धातु उत्पाद करने वाली देश की मिनीरत्न कंपनी के तौर पर पहचान बना सकेगी। लेकिन पिछले तीन सालों से यह प्रकल्प सुस्त पड़ा है, जिससे फेरोएलाय प्रकल्प के ठंढे बस्ते में जाने की आशंका है। उन्होने आरोप लगाया कि मॉयल के निदेशक मंडल ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है।
संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद का शीतकालीन सत्र निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को संपन्न हो गया। शीत सत्र की शुरूआत 29 नवंबर को हुई थी और इसे 23 दिसंबर तक चलना था। लेकिन हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा को आज ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। शीत सत्र में कुल 18 बैठकें हुईं। इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता 82 प्रतिशत रही तो राज्यसभा की उत्पादकता महज 47.90 प्रतिशत रही। शीत सत्र के समापन पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद के कामकाज पर असंतोष जताया और सांसदों को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है। उन्होने कहा कि संसद के कामकाज में बाधा उत्पन्न करना लोकतंत्र में ठीक नहीं। हंगामे की वजह से राज्यसभा का 49 घंटे 32 मिनट का समय बर्बाद हुआ। 18 बैठकों में से 7 बैठकों में ही प्रश्नकाल हो सका। इस दौरान उच्च सदन में सदस्यों ने शून्यकाल में 82 मसले उठाए तो विशेष उल्लेख के तहत 64 मसले उठाए गए। शीत सत्र के दौरान राज्यसभा में 11 विधेयक पारित हुए।
नियोजित तरीके से सदन में व्यवधान डालना ठीक नहीं : बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी सदन में व्यवधान से असहज दिखे। उन्होने कहा कि सदन में हर विषय पर चर्चा होनी चाहिए। किसी विषय पर सहमति, असहमति हो सकती है। लेकिन नियोजित तरीके से सदन के काम में व्यवधान डालना ठीक नहीं है। उन्होने बताया कि सदन की कुल 18 बैठकों में विभिन्न विषयों पर कुल 83 घंटे 12 मिनट की चर्चा हुई। सत्र के दौरान व्यवधान की वजह से लोकसभा का 18 घंटे 48 मिनट का समय बर्बाद हुआ। उन्होने बताया कि सांसदों ने अतिरिक्त समय तक बैठकर काम किया है। 2 दिसंबर को सदन की कार्यवाही देर रात 12.20 बजे बाद तक चली और उस दिन की उत्पादकता 204 प्रतिशत रही, जो हाल के वर्षों में किसी एक दिन की उत्पादकता में सर्वाधिक है।
लोकसभा में पारित हुए 9 विधेयक
बिरला ने बताया कि शीत सत्र में 12 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा कुल मिलाकर 9 विधेयक पारित हुए। सदन में माननीय सदस्यों ने नियम 377 के तहत 378 लोक हित के मसले उठाए तो 563 सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान अपने मुद्दे उठाए। शीत सत्र में कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल पर पहले दिन ही मुहर लग चुकी है। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि शीत सत्र के दौरान माननीय सदस्यों ने 95 प्रतिशत से ज्यादा सवाल ऑनलाइन भेजे। उनकी कोशिश है कि अगले बजट सत्र में सांसदों की ओर से 100 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाइन आए।
नवंबर 2022 तक बन जाएगा नया संसद भवन
नए संसद भवन के निर्माण को लेकर बिरला ने कहा कि नवंबर 2022 तक संसद का नया भवन बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होने कहा कि उन्होने मंगलवार को संसद के नए भवन के निर्माण की प्रगति की समीक्षा बैठक की थी। इसके निर्माण से जुड़ी एजेंसियों ने उन्हें बताया कि नवंबर 2022 तक नया संसद भवन बन जाएगा। बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में प्रेस दीर्घा भी होगी जहां से संवाददाताओं के बैठने और लिखने की व्यवस्था होगी।
Created On :   22 Dec 2021 7:42 PM IST