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6 करोड़ के स्टेडियम निर्माण में जमीन का रोड़ा
डिजिटल डेस्क, शहडोल । संभागीय मुख्यालय में खेल प्रतिभाओं को सुविधायुक्त मैदान की भारी कमी खलने लगी है। ले दे के एक मात्र महात्मा गांधी स्टेडियम ही है, जहां सभी तरह के खेल आयोजन होते हैं। सर्व सुविधायुक्त स्टेडियम की कमी को पूरा करने के लिए वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी। इसके लिए 6 करोड़ की राशि मंजूर भी की गई, लेकिन करोड़ों के इस प्रोजेक्ट के लिए मुख्यालय व इससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन ही नहीं मिल पा रही है। वहीं ट्रायबल विभाग की ओर से मुख्यालय से थोड़ी दूर कल्याणपुर के विचारपुर में लाखों की लागत से खेल परिसर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन मैदान को नया स्वरूप देने की योजना ने काम अटका दिया है।
जमीन मिली लेकिन छोटी
खेल एवं युवक कल्याण विभाग के माध्यम से नया स्टेडियम निर्माण की घोषणा के बाद प्रशासन सुस्त रहा। आधुनिक सुविधाओं वाले स्टेडियम के लिए सीएम ने 6 साल पहले घोषणा की थी। प्रशासन अब तक जमीन ही नहीं तलाश पाया है। कल्याणपुर में दो जगहों पर शासकीय जमीन देखी गई। नापजोख कराई गई। एक फाइनल हुआ लेकिन इसमें अतिक्रमण का रोड़ा बना हुआ है। वैसे पूरे कल्याणपुर में सैकड़ों एकड़ जमीनों पर बेजा निर्माण हो चुके हैं। जिला खुल युवक कल्याण अधिकारी शैलेन्द्र सिंह जाट ने बताया कि राजस्व विभाग ने जो जमीन तय की थी वह निर्माण के हिसाब से छोटी है। निर्माण के लिए चाहिए 120 गुणा 200 मीटर लेकिन इतनी नहीं है। अब कलेक्टर को पत्र लिखा गया है कि जमीन के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास हों।
केवल क्रिकेट के लिए उपयुक्त
मुख्यालय का सबसे पुराना गांधी स्टेडियम केवल क्रिकेट के लिए ही ज्यादा उपयुक्त है। एमपीसीए की ओर से मैदान में पिच का निर्माण भी कराया गया है। फुटबाल व हॉकी के लिए कोई मैदान उपयुक्त नहीं है। रेलवे व पुलिस लाइन मैदान हैं लेकिन मापदण्डों के हिसाब से नहीं है। यही कारण है कि फुटबाल व हॉकी की बड़ी प्रतियोगिताएं मुख्यालय में नहीं हो पातीं। जबकि इस विधा में दर्जनों खिलाड़ी हैं। गांधी स्टेडियम में बास्केटबाल के लिए मैदान है लेकिन खेल के नियमों के अनुरूप विकसित नहीं है। कुल मिलाकर एक ही मैदान है जिसमें खेल के साथ अन्य आयोजन होते हैं।
बनने के बाद नया आदेश
ग्राम विचारपुर में ट्रायबल विभाग की ओर से 90 लाख की लागत का क्रीड़ा परिसर बनवाया जा रहा है। पीआईयू निर्माण एजेंसी है। काम लगभग पूर्णता की ओर है लेकिन बीच में रोक देना पड़ा। क्योंकि भोपाल से आदेश आए कि परिसर में क्लाइडिंग एण्ड बोल्डिंग बनाना है। लोगों का कहना है कि इस खेल की संभाग में कोई उपयोगिता नहीं है। इसके बाद भी पहाड़ में चढ़ने वाले गेमों के हिसाब से मैदान बनना है। पीआईयू एसडीओ रमाकांत पाण्डेय ने बताया कि रिवाइज स्टीमेट भेजा जा चुका है जिसको भोपाल से अभी मंजूरी नहीं मिली है।
इनका कहना है
टीएल बैठक में बात आई थी। तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि सीएम की घोषणा वाले स्टेडियम निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराएं।
नरेश पाल, कलेक्टर
Created On :   21 May 2018 2:20 PM IST