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लम्पी बीमारी का मवेशियों के बीच हो रहा बड़े पैमाने प्रसार, सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि मवेशियों के बीच लंपी (त्वचा रोग) बीमारी का प्रसार बड़े पैमाने पर हो रहा है। ऐसे में सरकार को इसकी रोकथाम के लिए नीति बनानी चाहिए। यह बात कहते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में बीमारी की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश(एसओपी) जारी करने व नीति तैयार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति आरएन लद्धा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 17 नवंबर तक अपना हलफनामा दायर करने को कहा। याचिका में मांग की गई है कि लंपी बीमारी के चलते मौत का शिकार होनेवाली गाय व भैस के मालिकों को डेढ लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही इस बीमारी की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर पशुओं का टीकाकरण किया जाए।
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि लंपी बीमारी राज्य भर में पशुओं में तेजी से फैल रही है। सरकार को इसकी रोकथाम के लिए नीति बनानी चाहिए। हम जानते है कि इसमें समय लगेगा लेकिन इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए सकार को एक नीति के साथ आगे बढना पड़ेगा।
याचिका में दावा किया गया है कि गाय व अन्य पशुओं में लंपी बीमारी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है फिर भी राज्य सरकार इस बीमारी को लेकर उदासीन नजर आ रही है। याचिका के मुताबिक प्राणियों में फैले लंपी नामक चर्म रोग की रोकथाम के लिए सिर्फ परिपत्र व अधिसूचनाएं जारी कर दी गई है लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। याचिका में आग्रह किया गया है कि प्राणियों को लंपी जैसी प्राणघातक बीमारी से बचाने के लिए राज्य सरकार व कृषि-पशुसंवर्धन एवं दुग्ध विकास विभाग को आदर्श परिचालन संहिता (एसओपी) जारी करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि राज्य में भारी बारिश के चलते किसानों को पहले ही काफी आर्थिक नुकसान हुआ है ऐसे में यदि लंपी बीमारी बढी तो किसानों की मुश्किले और बढ़ेगी। याचिका में कहा गया है कि मूक प्राणी बोलकर अपना दुख नहीं व्यक्त कर सकते है। इसलिए उनके प्रति उपेक्षित रवैया अपनाया जा रहा है।
Created On :   19 Oct 2022 9:21 PM IST