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919 करोड़ रुपए का बकाया पानी बिल की वसूलने अभय योजना लागू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने 919 करोड़ 59 लाख रुपए के बकाए पानी के टैक्स की वूसली के लिए शुक्रवार से ‘अभय योजना’ लागू कर दिया है। इस योजना के तहत ग्राहकों के पानी टैक्स का मूल धन का भुगतान करने पर विलंब शुल्क माफ कर दिया जाएगा। यह योजना राज्य के 51 जलापूर्ति केंद्रों के लिए एक साल तक लागू रहेगी। प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने यह जानकारी दी। इस बारे में जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग ने परिपत्र भी जारी किया है। पाटील ने कहा कि ‘अभय योजना’ के तहत महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के ग्राहकों को पानी टैक्स का मूल राशि भरने पर बिल के विलंब शुल्क, दंड और ब्याज की राशि में छूट दी जाएगी। पाटील ने कहा कि पर्यटन स्थल माथेरान जलापूर्ति केंद्र के बाद यह योजना पूरे राज्य में शुरू हो गई है। ग्राहक चरणबद्ध तरीके से बकाया पानी बिल का भुगतान कर सकेंगे। इस योजना की अवधि एक साल की होगी। पाटील ने बताया कि अभय योजना में शामिल होने के लिए ग्राहकों को एक महीने के भीतर महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के संबंधित कार्यकारी अभियंता कार्यालय में पंजीयन करना होगा। पंजीयन के दिनांक से तीन महीने के भीतर पूरी बकाया राशि भरने पर विलंब शुल्क 100 प्रतिशत माफ हो जाएगा। पंजीयन की तारीख से दूसरी तिमाही के आखिरी तक पूरी बकाया राशि भरने पर 90 प्रतिशत विलंब शुल्क माफ हो सकेगा। जबकि 10 प्रतिशत विलंब शुल्क की राशि ग्राहकों को भरना पड़ेगा। पंजीयन के तीसरी तिमाही में पूरा बकाया राशि भरने पर 80 प्रतिशत विलंब शुल्क माफी मिल सकेगी। जबकि 20 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। पंजीयन के चौथी तिमाही के आखिर तक बकाया भुगतान करने पर 70 प्रतिशत विलंब शुल्क में माफी मिल सकेगी। जबकि शेष 30 प्रतिशत राशी ग्राहकों को भरनी होगी।
ग्राहकों का 403 करोड़ 30 लाख रुपए हो सकता है माफ
महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की ओर से कोंकण के 5, नागपुर के 10, अमराती के 15, पुणे के 14, नाशिक के 7 मिलाकर कुल 51 जलापूर्ति केंद्रों से पानी की आपूर्ति की जाती है। इन 51 जलापूर्ति केंद्रों का 31 मार्च 2020 तक पानी टैक्स की मूल राशि 516 करोड़ 29 लाख रुपए और विलंब शुल्क 403 करोड़ 30 लाख रुपए मिला कर कुल 919 करोड़ 59 लाख रुपए पानी टैक्स बकाया है। लगातार प्रयास के बावजूद बकाये पानी टैक्स की वसूली नहीं होने के चलते अभय योजना को लागू करने के लिए राज्य के वित्त विभाग ने मंजूरी दी है। यदि सभी ग्राहक मूल धन का भुगतान करते हैं तो 403 करोड़ 30 रुपए का विलंब शुल्क की माफी मिल सकेगी।
Created On :   22 Jan 2022 7:09 PM IST