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संसद में गुंडागर्दी करने वालों की सदस्यता खत्म करने बने कानून- आठवले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरपीआई अध्यक्ष तथा केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने संसद में गुंडागर्दी करने वाले सांसदों की सदस्यतता रद्द करने के लिए नया कानून बनाने की मांग की है। आठवले इस संबंध में उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही पत्र भेजने वाले हैं। मंगलवार को आठवले ने कहा कि संसद में धक्का-मुक्की और हंगामा मचाकर गुंडागर्दी करने वाले सांसदों की सदन से सदस्यतता रद्द होनी चाहिए। राज्यसभा के सदस्यों की सदस्यतता को पूरे छह साल और लोकसभा के सदस्य को पूरे 5 साल के लिए बाहर करने के लिए नया कानून बनाया जाना चाहिए। आठवले ने कहा कि राज्यसभा में कृषि विधेयकों के मंजूरी के समय आठ सांसदों ने माइक तोड़ दिया। कागजात फाड़ते हुए धक्का-मुक्की और गुंडागर्दी की। इन सांसदों को राज्यसभा के मौजूदा सत्र तक के लिए निलंबित किया गया है लेकिन यह कार्यवाही काफी नहीं है। इन सांसदों को आगामी शीतकालीन अधिवेशन तक के लिए भी निलंबित किया जाना चाहिए। साथ ही ऐसे सांसदों को स्थायी रूप से निलंबित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। आठवले ने कहा कि संसद में सांसदों को अपने विचार रखने और विरोध जताने का अधिकार है लेकिन विरोध करते समय सभी मर्यादाएं लांघ कर गुंडागर्दी करना उचित नहीं है।
गडचिरोली जिले में वन धन केन्द्रों की संख्या बढ़ाएं
गडचिरोली-चिमुर से भाजपा सांसद अशोक नेते ने लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र में मौजूदा वन धन केन्द्रों की संख्या में बढोतरी की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि वन धन केन्द्रों की संख्या बढने से नक्सल प्रभावित जिले के विकास में मदद मिलेगी और यहां के गरीब आदिवासी देश की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। सांसद नेते ने इस मुद्दे को उठाते हुए वन धन योजना में व्यापकता लाकर इसका दायरा बढाने के लिए केन्द्र सरकार की सराहना करते हुए उम्मीद जताई की आने वाले दिनों में इस योजना से 10 लाख आदिवासी लाभान्वित होंगे। नेते ने कहा कि वन धन योजना से फिलहाल 18 हजार स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए है। इसे बढाकर 50 हजार समूह करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने सदन में कहा कि फिलहाल देश में मौजूद 1205 केन्द्रों के जरिए साढ़े तीन लाख आदिवासी लाभान्वित हो रहे है। सरकार से आग्रह है कि क्षेत्र के आदिवासियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए गड़चिरोली नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वन धन योजना के केन्द्रों की संख्या बढाने की दिशा में तत्काल कदम उठाए जाए।
सदन में जो भी किया, लोकतंत्र बचाने के लिए किया : संजय सिंह
राज्यसभा में अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबन की सजा पाए आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने यह तो माना कि वे सदन में टेबल पर चढ़ गए और माइक भी तोड़ा। लेकिन उनका कहना है कि ये सब उन्होने लोकतंत्र को बचाने के लिए किया। संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। उन्होने कहा कि सांसद दिमागी रूप से कमजोर नहीं हैं। वे देश की संसद के प्रति उत्तरदायी हैं। उन्हें इंतजार है कि सरकार न्याय करेगी और सदन को संविधान व कानून के हिसाब से चलाएगी। आप सांसद ने पूछा कि सरकार ने कृषि बिल पर मतदान कराए बिना इसे जबरन पास क्यों कराया गया? उन्होने कहा कि 20 सितंबर की घटना के लिए विपक्ष के सांसदों को नहीं बल्कि सरकार को शर्मसार होना चाहिए और कृषि बिल के लिए देश के किसानों से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि राज्यसभा में रविवार को अमर्यादित व्यवहार करने के लिए विपक्ष के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया है।
Created On :   22 Sept 2020 6:26 PM IST