परियोजनाओं को लेकर झूठी कहानी गढ़ रहे हैं आघाडी के नेता, उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर बोला हमला 

leaders of Aghadi are making up a false story about the projects - DCM
परियोजनाओं को लेकर झूठी कहानी गढ़ रहे हैं आघाडी के नेता, उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर बोला हमला 
निशाना परियोजनाओं को लेकर झूठी कहानी गढ़ रहे हैं आघाडी के नेता, उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर बोला हमला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औद्योगिक निवेश की तीन बड़ी परियोजनाओं को गंवाने के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्टीकरण देते हुए विपक्ष पर पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र से परियोजनाएं जाने को लेकर महाविकास आघाड़ी झूठा नरेटिव (कहानी) तैयार कर रही है। इसमें दुर्भाग्य से चार-पांच पत्रकार भी शामिल हैं। यह लोग मिलकर महाराष्ट्र की बदनामी की साजिश कर रहे हैं। लेकिन महाविकास आघाड़ी जितना ज्यादा झूठ फैलाएगी मैं महाविकास आघाड़ी को उतना अधिक बेनकाब करूंगा। 

एक साल पहले बता दिया था गुजरात जाने का फैसला 

सोमवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विमान बनाने वाली टाटा-एयरबस परियोजना के प्रमुख ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक साल पहले ही बता दिया था कि उन्होंने गुजरात में जाने का फैसला किया है। महाविकास आघाड़ी सरकार को एक साल पहले ही पता चल गया था कि परियोजना गुजरात में लगने वाली है। लेकिन उद्धव ठाकरे ने इस परियोजना को रोकने के लिए एक पत्र भी नहीं लिखा। उपमुख्यमंत्री ने पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि टाटा-एयरबस परियोजना नागपुर के मिहान में लगने वाली थी। इसलिए तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने जानबुझकर टाटा-एयरबस परियोजना को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इससे विदर्भ का नुकसान हुआ है। 

दो साल में महाराष्ट्र को बनाएंगे नंबर-1 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो सालों में औद्योगिक निवेश के मामले में महाराष्ट्र को नंबर वन प्रदेश बनाएंगे। सरकार निवेश को लेकर विदर्भ का हुए नुकसान की भरपाई करेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोंकण में प्रस्तावित 3 लाख करोड़ से अधिक राशि की निवेश वाली ग्रीन रिफायनरी परियोजना का विरोध करने वालों को राज्य में औद्योगिक निवेश के बारे बोलने का कोई अधिकार नहीं है। फडणवीस का इशारा शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की तरफ था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रिफायनरी परियोजना कोंकण में ही लगाई जाएगी। 

मैंने टाटा-एयरबस परियोजना को रोकने की कोशिश की थी- उपमुख्यमंत्री

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष में रहने के दौरान मुझे पता चला कि टाटा-एयरबस परियोजना गुजरात में जाने वाली थी। इसके बाद मैंने टाटा-एयरबस परियोजना प्रमुख को अपने सरकारी आवास पर 24 अप्रैल 2021 को बुलाया था। मैंने उनसे कहा कि आप महाराष्ट्र में ही निवेश कीजिए। इस परियोजना के निवेश के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक करने के लिए तैयार हूं। जिस पर मुझे परियोजना प्रमुख ने जवाब दिया कि यहां का माहौल निवेश के लायक नहीं है। फिर भी मैंने उनसे आग्रह किया। तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि मैं कंपनी के बोर्ड से बात करके विचार करूंगा। जिसके बाद मैंने एमआईडीसी के तत्कालीन सीईओ से कहा कि आप उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बता दीजिए कि टाटा-एयरबस परियोजना गुजरात में जा रही है। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस परियोजना को रोकने के लिए एक पत्र भी नहीं लिखा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा-एयरबस परियोजना नागपुर में लगने वाली थी। इसलिए महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा-एयरबस परियोजना गुजरात में जाने को लेकर विवाद शुरू होने के बाद मैंने परियोजना प्रमुख को फोन किया था। मैंने उनसे कहा कि यदि आपने पहले ही गुजरात में जाने का फैसला किया तो स्पष्टीकरण दे दीजिए। जिस पर परियोजना प्रमुख ने मुझसे कहा कि मैंने खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक साल पहले ही बता दिया था कि हमने गुजरात में परियोजना लगाना तय कर लिया है। मैंने उनसे कहा कि यह बात आप रिकॉर्ड पर कह दीजिए। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि हमको राजनीति में मत लाइए। हमारे लिए सभी दल समान है। लेकिन मैंने आपकी जानकारी के लिए बताया कि हमने चोरी-छिपे गुजरात में जाने का फैसला नहीं लिया है। 

मार्च 2021 में ही सैफ्रन ने दे दी थी जानकारी 

इस बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रांस के सैफ्रन ग्रुप ने मार्च 2021 में ही ट्वीट करके बता दिया था कि परियोजना हैदराबाद में लगाई जाने वाली है। फडणवीस ने कहा कि मैंने अगस्त-सितंबर 2019 में सैफ्रन कंपनी से नागपुर में परियोजना लगाने के लिए चर्चा की थी। मैंने कंपनी के प्रतिनिधियों को नागपुर बुलाया था। लेकिन बाद में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के एक साल तक सैफ्रन कंपनी से कोई संपर्क नहीं किया गया। इसके बाद सैफ्रन कंपनी ने 2021 में हैदराबाद में जाने का फैसला किया। 

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर कहा कि तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने महाविकास आघाड़ी सरकार के समय ही कह दिया था कि फॉक्सकॉन परियोजना राज्य में नहीं लगेगी। जिस पर शिवसेना ने दावा किया कि देसाई ने फॉक्सकॉन की मोबाइल यूनिट परियोजना के बारे में बयान दिया था। देसाई ने वेदांता- फॉक्सकॉन परियोजना के संबंध में नहीं बोला था। इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि पूर्व मंत्री देसाई वेदांता-फॉक्सकॉन की परियोजना को रोकने को लेकर लिखा हुआ एक पत्र दिखाएं। भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के बेटे पर निवेश के लिए उद्योगों के लिए कमीशनखोरी का आरोप लगाया था। इस पर जांच के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को जानबुझकर परेशान करने के लिए जांच नहीं की जाएगी। यदि कोई आरोपों को लेकर तथ्य पेश करता है तो उसकी जांच की जाएगी। 

उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना महाराष्ट्र में शुरू करने के लिए कभी घोषणा नहीं की थी। मेरी पूर्व की महाविकास आघाड़ी को चुनौती है दोनों परियोजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार की एक घोषणा बताए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाएं कई राज्यों में लगती हैं लेकिन कुछ लोगों को गुजरात का चश्मा लगा हुआ है। इसलिए उन्हें गुजरात ही नजर आता है। 

पुणे में लगेगी 500 करोड़ की ईएमसी परियोजना 

इस बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पुणे के रांजणगांव में लगभग 500 करोड़ रुपए की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) परियोजना लगाने का फैसला किया है। मैं इसके लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमसी परियोजना के जरिए आगामी समय में दो हजार करोड़ रुपए का निवेश हो सकेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगले साल का बजट घोषित होने तक केंद्र सरकार महाराष्ट्र के लिए टेक्सटाइल पार्क भी मंजूर कर देगी। इससे राज्य में टेक्सटाइल क्लटर तैयार हो सकेगा। 

 

Created On :   31 Oct 2022 10:15 PM IST

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