एक लिपिक पर निर्भर जिले का अग्रणी महाविद्यालय

Leading college of the district dependent on a clerk
एक लिपिक पर निर्भर जिले का अग्रणी महाविद्यालय
पन्ना एक लिपिक पर निर्भर जिले का अग्रणी महाविद्यालय

डिजिटल डेस्क,  पन्ना। छत्रसाल शासकीय महाविद्यालय पन्ना जोकि जिले का अग्रणी महाविद्यालय है महाविद्यालय में ५ हजार २०० से अधिक नियमित छात्र-छात्रायें अध्ययन कर रहे है। जिले के सबसे पुराने महाविद्यालय को बुनियादी समस्यों का सामना करना पड़ रहा है। कार्यालयीन कर्मचारी स्टाफ की शून्यता से जो कार्य लिपिकों को करना चाहिये वही बाबूगिरि का कार्य विवश होकर महाविद्यालय के प्राध्यापक कर रहे है। स्टाफ की कमी की वजह से छोटी-छोटी समस्याओं का सामना महाविद्यायल प्रबंधन और छात्रों को करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार कार्यालयीन लिपिकीय स्टाफ में रजिस्ट्रार, मुख्य लिपिक, लेखापाल, सहायक ग्रेड-२ पदों पर एक-एक पद स्वीकृत है परंतु उक्त चारो महत्वपूर्ण पद खाली पड़े है। महाविद्यालय में सहायक ग्रेड-३ के कुल दो पद स्वीकृत है जिनमें से मात्र एक सहायक ग्रेड-३ का एकमात्र पद ही भरा हुआ है। दूसरा पद कर्मचारी के एक गंभीर प्रकरण मेें निलंबित होने पर खाली पड़ा हुआ है। जहां महाविद्यालीन कार्यालयीन स्टाफ का आकाल है वही विज्ञान विषयों जिनमें भौतिक शास्त्र, रसायनशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, जन्तु विज्ञान की महाविद्यालय में स्थपित प्रयोगशाला के लिये जरूरी स्टाफ के संकट की वजह से प्रयोगशालाओं का संचालन प्रभावित है। जानकारी के अनुसार महाविद्यालय के उक्त चार विषयों की प्रयोगशाला के लिये प्रयोगशाला तकनीशियन के ०८ पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध मात्र दो पद ही भरे हुये है। इसी तरह प्रयोगशाला परिचारक के कुल स्वीकृत ०९ पदों में से मात्र ०३ पद ही भरे  हुये है शेष ०६ पद लंबे समय से खाली पड़े हुये है। जिससे प्रयोगशालाओ का कार्य सही तरीके से संचालित नही हो रहा है। कुछ विषयों की प्रयोगशाला तकनीशियन तथा परिचारक नही होने से प्रयोगशलाओं का संचालन कागजी खानापूर्ति बनकर रहा गया हेै और विषयों से संबंधित प्रायोगिक कार्य औपचारिकता बनकर रहा गया है। महाविद्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि परीक्षा, प्रवेश, छात्रवृत्ति तथा महाविद्यालय से संबंधित लिपिकीय कार्य में प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों को ड्यूटी करनी पड़ रही है जिससे विद्यार्थियों की कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था प्रभावित हो रही है।  
इनका कहना है
महाविद्यालय में लंबे समय से कार्यलयीन कर्मचारियों के अनेकों पद रिक्त पड़े हैं जिससे महाविद्यालय की कार्यालयीन  एवं लेखा संबंधी कार्य करने में गंभीर अड़चन एवं व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके अलावा प्रशासनिक कार्य करने में भी विलंब होता है आयुक्त मध्य प्रदेश शासन को रिक्त पदो की जानकारी प्रेषित करते हुये पदों की पूर्ति करने हेतु अनुरोध किया है जिससे महाविद्यायल के कार्याे को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा सकें। 

Created On :   31 March 2022 11:15 AM IST

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