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संदिग्ध हालत में सड़क किनारे मृत मिला तेंदुआ- दो बाघों की हो चुकी है मौत
डिजिटल डेस्क कटनी । जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर ढीमरखेड़ा में रविवार को संदिग्घ हालत में एक तेदुएं का शव मिला है। वन विभाग का दावा है कि किसी वाहन की टक्कर से उसकी मौत हो गई है। हालांकि मौत का असली कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हो होगा। छह माह के भीतर दो बाघ की मौतहो चुकी है। वहीं, बरही वन परिक्षेत्र में पहली बार सेैंसर कैमरे में बाघिन अपने दोनों शावकों के साथ चहलकदमी करते हुए नजर आई है।
मौत के कारण का खुलासा नहीं हुआ
विभागीय अफसर तेदुए की मौत का कारण एक्सीडेंट मान रहे है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि बरही रेंज से वन्य जीव प्राणी भूख और प्यास से जंगल के बाहर निकल रहे है। पानी की तलाश में तेदुआं सड़क पर आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तेदुएं के शरीर पर चोट के निशान नहीं दिख रहे थे। सड़क के किनारे तेदुआ मृत मिला है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची है।
ढीमरखेड़ा के पास मिला शव
जानकारी के मुताबिक ढीमरखेड़ा वन परिक्षेत्र अंतर्गत उमरयिा पान रोड पर रविवार को एक मृत तेदुएं का शव मिला। बताया जाता हैौ कि खमतरा से लगभग 2 किलोमीटर दूर ढीमरखेड़ा (उमरिया पान रोड) रोड पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से दो व,ाल के तेदुएं की मौत हो गई। तेदुएं की मौत की सूचना मिलने पर वन विभाग के आला अफसर मौके पर पहुंच गया। घटना सुबह पांच के बजे के आसपास की बताई जा रही है। डिप्टी रेंजर ए के तिवारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। तेंदुए की मौत का कारण एक्सीडेंट हो सकता है क्योंकि आसपास खून के धब्बे पड़े थे। घटना वन निगम कक्ष क्रं. 269 खमतरा रेंज के पास की है।
देर शाम तक बाघ पकडऩे चला रेस्क्यू
बरही के पास कुआं और मचमचा मार्ग पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बाघ को पकडऩे के लिए अभियान चलाया। हालांकि रेस्क्यू दल और हाथी की टीम को बाघ नजर नहीं आया। वहीं, पहली बार शनिवार को सेंसर कैमरे में बाघिन अपने दो शावको के साथ जंगल में चहलकदमी करते हुए नजर आई। बाघ के मूवमेंट क्षेत्र में दहशत अब भी बरकरार है।
छह माह में दो बाघ की हो चुकी है मौत पिछले छह माह के भीतर बरही क्षेत्र के जंगल में दो बाघ की मौत हो चुकी है। विभागीय अफसरों की माने तो किसान अपने खेतों में उगाई गई फसल की सुरक्षा के लिए तार का बाड़ा लगा देते है। नंगे तार में करंट दौड़ाकर जानवरों से फसल की बचाव करते है। करंट की चपेट में आने से बाघ, चीतल, हिरन और तेदुआं की मौत पहले भी हो चुकी है।
इनका कहना है
ढीमरखेड़ा में दो साल के तेदुएं की लाश मिली है। लाश को पोस्मार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कुछ कह पाना संभव होगा।
- अजय कुमार पांडेय, डीएफओ
Created On :   16 April 2018 2:09 PM IST