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चलो जान लें नदी को अभियान में चुलबंद नदी भी शामिल, अध्ययन कर शीघ्र रिपोर्ट होगी प्रस्तुत
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पिछले कुछ वर्षों से मानसून के दौरान बारिश में एकसूत्रता नहीं रहने के कारण कभी अनावृष्टि तो कभी अतिवृष्टि हो रही हंै। परिणामस्वरूप बाढ़ और अकाल जैसी समस्या बार-बार निर्माण हाेती है। इसी पार्श्वभूमि में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य में ‘चलो जान ले नदी को’ यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में गोंदिया जिले की चुलबंद नदी का समावेश किया गया है। इसी संदर्भ में 12 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी नयना गुंडे की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में नदी का अध्ययन करने के लिए विविध अभ्यासकों को विविध तरीकों से नदी का अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस बैठक में जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पाटील, उपविभागीय अधिकारी अनमोल सागर, जिला जल संधारण अधिकारी अनंत जगताप, सहायक वन संरक्षक प्रदीप पाटील एवं विविध विभागांे के अधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे। ‘चलो जान ले नदी को’ इस अभियान के लिए शासन ने जिलास्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्ष जिलाधिकारी एवं सदस्य सचिव उपवन संरक्षक होंगे। विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी समिति में सदस्य बनाए गए है। नदी समन्वयक के रूप में दिलीप पंधारेे का समिति में समावेश किया गया है। इस टीम को 1 से 20 जनवरी 2023 की अवधि में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश शासन ने दिए है। इस समय नागरिकों के सहयोग से हर पहलू से नदी का अध्ययन करने, अमृत वाहिणी बनाने के लिए प्रारूप तैयार करने, बारिश का पानी उचित स्थान पर रोककर भूजल स्तर बढ़ाने अतिक्रमण, शोषण और प्रदूषण इन तीन प्रमुख कारणों का अध्ययन कर उसके परिणामों का विश्लेषण, नदी संवाद यात्रा आयोजित करने के विषय में प्रारूप तैयार कर उसे क्रियान्वित करने, नदी, समाज एवं शासन के बीच सुसंवाद स्थापित करने का कार्य यह अध्ययन समूह करेंगे। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
सड़क अर्जुनी के जांभड़ी में है नदी का उद्गम
चुलबंद नदी का उद्गम सड़क अर्जुनी तहसील के ग्राम जांभड़ी में है। यह नदी जिले में 18 से 20 किलोमीटर तक बहती है। नदी के नक्शे, उसकी बाढ़ सीमा, डूब क्षेत्र के नक्शे, मिट्टी का क्षरण, बारिश की गणना, पिछले पांच वर्ष के दौरान की बाढ़ और अकाल की स्थिति का वर्णन यह जानकारी संकलित करने के लिए नदी का अभ्यास गुट, नदी समस्या विश्लेषण गट, नदी निदान एवं उपचार गुट, नदी क्षेत्र में आने वाली शालाएं, महाविद्यालय, तकनीकी महाविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ ही लोक शिक्षण गुट स्थापित करने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए।
Created On :   13 Dec 2022 6:50 PM IST