वाड़ी, वानाडोंगरी, मोवाड़, कलमेश्वर में जलापूर्ति के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। वाड़ी में 14 कुएं व 14 कूपनलिका से जलापूर्ति हो रही है। अंबाझरी तालाब से पानी करने के लिए पर्यायी व्यवस्था की गई है। पीने के पानी की शुद्धता की जांच करने के बाद ही पानी की आपूर्ति करने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए हैं। पीने के पानी की किल्लत पर बने प्रारूप पर अमल के लिए गटविकास अधिकारी, नोडल अधिकारी रहेंगे। नगर पालिका क्षेत्र में मुख्याधिकारी पर पूरी जिम्मेदारी होगी। उपविभागीय राजस्व अधिकारी नियंत्रण अधिकारी हैं और उनको हर आठ दिन में किल्लत प्रारूप के अनुसार हो रहे अमल की समीक्षा कर तत्संंबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए।
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दैनिक भास्कर हिंदी: पानी की किल्लत से प्रभावित गांवों में टैंकरों से पहुंचेगा साफ पानी, सूखे जैसी स्थिति
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेयजल संकट वाले गांवों में मंजूर प्रारूप के अनुसर कुएं व नल दुरुस्ती को प्राथमिकता देकर जलापूर्ति की जाए और इससे भी पानी की मांग पूरी नहीं हो, तो टैंकरों से शुद्ध पानी की जलापूर्ति करने के निर्देश जिलाधीश अश्विन मुद्गल ने दिए हैं। जिले में 33 गांवों में 54 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। इनमें कामठी तहसील के 9, हिंगना के 12 और नागपुर ग्रामीण के 23 टैंकरों से पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। टैंकरों से जलापूर्ति करते समय जंतु रहित जलापूर्ति करने की जिम्मेदेरी गटविकास अधिकारी की रहेगी। जलापूर्ति में लगे सभी टैंकरों पर जीपीआरएस सिस्टम लगाए बिना टैंकर ठेकेदारों को बिल का भुगतान नहीं करने कि निर्देश जिलाधीश ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि, भू-गर्भ का पानी जंतु रहित करने के बाद ही जलापूर्ति की जाए। पानी किल्लत कृति प्रारूप के अनुसार 995 गांवों में 1,285 उपाय योजनाओं को मंजूरी दी गई है, इसके लिए 25 करोड़ 98 लाख रुपए का खर्च आएगा। पानी किल्लत कृति प्रारूप के अनुसार 995 गांवों में 1,285 उपाय योजनाओं को मंजूरी दी गई है, इसके लिए 25 करोड़ 98 लाख रुपए का खर्च आएगा। मंजूर प्रारूप के अनुसार 10 उपाययोजना लागू की गई हैं और आगामी आठ दिनों में यह योजना प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश जिलाधीश ने दिए हैं।


कलमेश्वर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में बीते दो महीनों से लगातार जलसंकट बढ़ने से परिसर के सभी छोटे-बड़े कारखाना मालिकों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। समय पर पानी नहीं मिलने से उत्पादन पर भारी असर पड़ा है। पानी की कमी से कई कारखानों में दूसरी शिफ्ट बंद कर दी गई। कलमेश्वर एमआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर मोहिते ने पानी की बढ़ती समस्या पर गहरी चिंता जताई। कलमेश्वर से 10 किलोमीटर दूर अमरावती महामार्ग पर बने वेणा जलाशय से कलमेश्वर एमआईडीसी की औद्योगिक कंपनियों को पानी सप्लाई होता है। इस साल कम बारिश से जलाशय में जलसंचयन कम होने से समस्या उत्पन्न हो रही है। कलमेश्वर परिसर में बने छोटे- बड़े कारखानों को रोजाना सभी कारखानों को 24 घंटे पानी मिलता था। अब पानी की समस्या बढ़ जाने से 12 घंटे ही पानी सप्लाय हो रहा है। जलसंकट से छोटे- छोटे कारखाने धीरे- धीरे बंद होने की कगार पर पहुंचने की जानकारी एमआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिते ने दी। इस संबंध में नागपुर जलसंपदा कार्यालय में बात करने पर जलसंपदा विभागीय अधिकारी सहायक अभियंता सोनाली चोपड़े ने बताया कि, हमने दो महीने पूर्व ही कलमेश्वर औद्योगिक कार्यालय से सभी कंपनियों को पत्रक देकर पानी की समस्या के बारे में अवगत करा दिया था। साथ ही अपनी-अपनी कंपनियों में पानी एकत्रित करने और पर्यायी व्यवस्था करने की जानकारी नोटिस देकर दी गई थी। इससे पहले ऐसा जलसंकट 2007-08 में उत्पन्न हुआ था। कटौती करने से पूरे मई महीने तक पानी मिलता रहेगा। अगर समस्या बढ़ी तो तालाब के अंदर और गहरे गड्ढे कर पानी निकालने की योजना पर विचार चल रहा है। साथ ही अन्य ठोस कदम उठाए जाने की जानकारी विभागीय अधिकारी ने दी। कलमेश्वर एमआईडीसी एसोसिएशन के सचिव लियाकत अली, युवराज चौधरी, जेएसडब्ल्यू के एच.आर.शेखर भारद्वाज ने अधिकारियों को जानकारी दी कि, समय के साथ कोई कदम नही उठाए तो कंपनियां बंद हो जाएगी उसका परिणाम कामगारों पर पड़ने के साथ ही बेरोजगारी बढ़ने के आसार बढ़ रहे है।

उधर काटोल तहसील में सूखाग्रस्त जैसी स्थिति बन जाने के बावजूद राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन राहत कोष से मुआवजे का भुगतान सही ढंग से नहीं हो पाया। कुएं, हैंडपंप का जलस्तर घटने के साथ ही जाम मध्यम प्रकल्प में मात्र चार प्रतिशत ही पानी शेष है। इससे किसानों तथा आम नागरिकों के हाल बेहाल है। आपदा प्रबंधन राहत कोष से मुआवजे की राशि तथा बोंडइल्ली प्रकोप का मुआवजा किसानों को नहीं मिल पाया। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन किए गए। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के नेतृत्व में आंदोलन के बाद जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बैठक ली, लेकिन कोई उचित उपाय योजना नहीं हो पाई।
कोंढाली-मेटपांजरा सर्कल की स्थिति बेहद दयनीय
कोंढाली-मेटपांजरा सर्कल की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। इस वर्ष क्षेत्र में सिर्फ 360 मिमी ही बारिश हुई। इससे संतरा, फूल, साग सब्जी बागान तथा दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों व नागरिकों को कुओं के घटते जलस्तर के चलते पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। आपदा निवारण विभाग द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्र को सहयोग करने की मांग जिप सदस्य रामदास मरकाम, कोंढाली के सरपंच केशवराव धुर्वे, उपसरपंच स्वप्निल व्यास, ज्येष्ठ ग्रापं सदस्य संजय राऊत, पूर्व सदस्य याकूब पठान, नजीर शेख, गफ्फार शेख आदि ने की है।

राज्य में 150 से ज्यादा तहसील अकालग्रस्त हैं। काटोल-नरखेड़ तहसील में जलस्तर 1200 फीट नीचे गया है। यह क्षेत्र संतरे का है। जो देश में कैलिफोर्निया के नाम से प्रसिद्ध है। कई वर्षों से भूमि से पानी निकाला गया। जिससे जलस्तर घटने लगा है। काटोल- नरखेड़ तहसील अकाल के लिए डार्क बेल्ट माना जाता है। प्रतिदिन 35 से 40 हजार लोग श्रमदान से जलसंवर्धन का कार्य कर रहे हैं। भविष्य में समस्त ग्राम में जलसंवर्धन की अावश्यकता है। यह विचार पूर्व विधायक डा. आशीष देशमुख ने व्यक्त किए। पानी फाउंडेशन वाटर कप स्पर्धा, रानवाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में डा. आयुश्री देशमुख, कृषि सहायक प्रशांत वानखेड़े, सचिन बेहनिया, मोहन पांडे, विनोद तुरक, विक्रम बासेवार, जनार्धन खजुरिया आदि उपस्थित थे। श्रमदान से जलसंवर्धन के कार्य हो रहे है। श्रमदान से 105 शौच गड्ढे, 2000 रोपवाटिका, 110 मिट्टी परीक्षण, 48 जल बचत का तकनीsकी ज्ञान, जलमापक यंत्र 5, गैबियन बांध 6, नाला गहराईकरण 4 किमी, ढाली के बांध 120 हेक्टेयर, खेत तालाब 14, श्रमदान 2,230 घन मीटर, मशीन काम 29,720 घनमीटर में जनसहयोग से होने का लक्ष्य है। प्रारंभ में बैलगाड़ी रैली निकाली गई। प्रस्तावना सचिन बेहनिया ने रखी। सफलतार्थ जितेंद्र पाटील, शिवदास पड़ोलिया, नरेंद्र दाउतपुरे, अभिषेक बेहनिया, अशोक जुगसेनिया, मीरा खरपुरिया, शशिकला बेहनिया, बाबाराव मुरोजिया आदि ने प्रयास किया।

जहां एक ओर भीषण गर्मी में जहां पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। वहीं वानाडोंगरी में बारह माह पानी से लबालब रहने वाले कुएं को ही एक स्कूल प्रबंधक द्वारा मुरुम डालकर बुझा देने का मामला सामने आया है। इस मामले में वानाडोंगरी नगर परिषद की शिकायत पर स्कूल व्यवस्थापक सहित तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार प्रभाग-8 में स्थित रिजंेट स्कूल के व्यवस्थापक, अधिकारी व कर्मचारियों ने स्कूल आने-जाने के लिए दूसरा रास्ता बनाने के उद्देश से ले-आउट में स्थित कुएं को ही मुरुम डालकर बुझा दिया। इस प्रकरण में नगर परिषद की शिकायत पर स्कूल व्यवस्थापक, मुख्याध्यापक व हॉस्पिटलिटी मैनेजर के खिलाफ एमआईडीसी पुलिस ने शनिवार को मामला दर्ज कर लिया। गौरतलब है कि इस मामले में शुक्रवार को सुबह नप कार्यलाय में उपाध्यक्ष कृपाशंकर गुप्ता, पानी आपूर्ति सभापति बालू मोरे, िनयोजन सभापति आबा काले, बांधकाम सभापति नीतेश साखले, नगरसेवक अनिता गुप्ता, सविता डाखले ने मुख्याधिकारी प्रवीण मानकर को निवेदन सौंपकर कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी। कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इस शिकायत पर मुख्याधिकारी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए आरोपियों को 24 घंटे के भीतर कुआं साफ कर जलस्रोत सुचारू करने का निर्देश दिए थे। स्कूल व्यवस्थापक ने स्कूल के लिए यहां दो खसरे लिए थे। इस दोनों के बीच से सरकारी पगडंडी भी है, लेकिन स्कूल व्यवस्थापक ने कुछ लोगों से सांठ-गांठ कर पगडंडी पर कब्जा जमा लिया है। इस मामले में भी स्कूल व्यवस्थापक पर कारवाई की तलवार लटक रही है। बता दें कि, रिजेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल से सटे ले-आउट में पुरातनकालीन कुआं है। इस कुएं में भीषण गर्मी में भी पर्याप्त पानी रहता था। ले-आउट में रहने वाले लोग और आस-पास के खाली प्लाट पर कच्चे झोपड़े बनाकर रहने वाले गरीब लोग इसी कुएं के पानी से अपनी प्यास बुझाते थे। साथ ही घरों में इसी पानी का उपयोग होता था, लेकिन इस कुएं को मुरुम डालकर बुझा देने से लोग पिछले तीन दिनों से पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसे गंभीरता से लेकर मुख्याधिकारी मानकर ने स्कूल व्यवस्थापक, मुख्याध्यापक और हॉस्पिटलिटी मैनेजर रेखराम रंधई को 24 घंटे के भीतर इस कुएं को साफ करने के निर्देश दिए, लेकिन इन पर इस निर्देश का कोई असर नहीं हुआ। जिसके चलते शनिवार को एमआईडीसी थाने में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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