नैक मूल्यांकन करके स्वायत्तता पाने की तैयारी में 'एलआईटी', शुरू की तैयारी

LIT prepares to start preparing for autonomy by assessing NAC
नैक मूल्यांकन करके स्वायत्तता पाने की तैयारी में 'एलआईटी', शुरू की तैयारी
नैक मूल्यांकन करके स्वायत्तता पाने की तैयारी में 'एलआईटी', शुरू की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के  लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एलआईटी) ने स्वतंत्र नैक मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया है। कॉलेज ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है। हाल ही में कॉलेज में इस संदर्भ में बैठक आयोजित की गई। जिसमें तय हुआ कि आगामी मार्च तक संस्थान एसएसआर रिपोर्ट तैयार करके नैक को मूल्यांकन के लिए आमंत्रित करेगा। नैक से मूल्यांकन होने के बाद संस्थान स्वायत्तता की अोर कदम बढ़ाएगा। उल्लेखनीय है कि रिक्त पदों के कारण संस्थान का नेशनल बोर्ड आॅफ एक्रिडेशन (एनबीए) से मूल्यांकन नहीं हाे सकता। एनबीए मूल्यांकन के लिए संस्थान को कम से कम तीन वर्ष तक अपने यहां पर्याप्त पद दर्शाने पड़ रहे हैं। ऐसे में अब संस्थान ने नैक मूल्यांकन की तैयारी की है। 

एनबीए कर चुका है इनकार
बीते अप्रैल में संस्थान ने एनबीए को कैंपस में आकर मूल्यांकन करने की विनती की थी। लेकिन संस्थान में रिक्त पदों की बड़ी संख्या देखते हुए एनबीए ने एलआईअी के मूल्यांकन से साफ इंकार कर दिया था। ऐसे में स्वायत्तता की आस पाले बठे संस्थान और इसे संचालित करने वाले राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का इंतजार और लंबा हो गया था। स्वायत्तता के लिए संस्था का एनबीए मूल्यांकन जरूरी पात्रताओं में से एक था। इसके बाद संस्थान ने अपने यहां शिक्षकों की नियुक्ति की।

मध्य भारत के एकलौते केमिकल टेक्नोलॉजी संस्थान लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कई वर्षों से खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति को राज्य सरकार ने कुछ समय पूर्व मंजूरी दी थी। संस्थान में 31 शिक्षकों के पद रिक्त है, इनमें से 17 पदों पर नियुक्ति करने की अनुमति राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय को दी थी। यहां टेक्नोलॉजी की 6, एम.टेक की 4 और केमिकल की 7 शाखाएं हैं। संस्थान में 680 विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता है, लेकिन वर्तमान में संस्था में बड़ी संख्या मंे पद रिक्त होने का बुरा प्रभाव संस्थान की शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर पड़ रहा था। 
 

Created On :   5 Dec 2019 1:26 PM IST

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