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पति से अलग रह रही इसलिए म्हाडा को नहीं दे सकती आय का प्रमाण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिना तलाक के पति से अलग रहने के कारण म्हाडा के निम्न आयवर्ग (एलआईजी) के घर के आवंटन की पात्रता पर म्हाडा द्वारा विचार न करने पर एक महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। साल 2019 में दायर याचिका में महिला ने दावा किया है कि म्हाडा उसे अपनी पारिवारिक आय का खुलासा करने के लिए कह रहा है। चूंकि उसका पति उससे बिना तलाक लिए अन्य महिला के साथ रह रहा है इसलिए वह अपने पति के आय से जुड़ा ब्यौरा म्हाडा को नहीं दे सकती है। वह न्याय के लिए म्हाडा के पास गई थी लेकन म्हाडा से उसे कोई राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने महिला की याचिका पर सुनवाई हुई। इस पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि परिवार के सदस्यों की आय भिन्नता के चलते घर के आवंटन के लिए म्हाडा की ओर से पारिवारिक आय से जुड़ा प्रावधान किया गया है, जो कि तार्किक है। खंडपीठ ने कहा कि यदि म्हाडा को याचिकाकर्ता के घर आवंटन से जुड़े आवेदन पर उसके पति के आय प्रमाण के बिना विचार करने के लिए कहा जाता है तो भविष्य में याचिकाकर्ता का पति कोर्ट के आदेश के बिना एलआईजी वर्ग में घर के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। क्योंकि अभी तक याचिकाकर्ता के तलाक को लेकर कोर्ट की ओर से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। इसलिए हम याचिकाकर्ता के पति को मामले में पक्षकार बनाने के लिए नोटिस जारी करते हैं। जबकि याचिकाकर्ता को म्हाडा को लिखित रुप से आश्वासन देने के लिए कहते है कि वह भविष्य में एलआईजी व अन्य श्रेणी में पहले मौजूदा आवंटित घर को म्हाडा को सौपे बिना घर के लिए आवेदन नहीं करेंगी। खंडपीठ ने म्हाडा से कहा कि महिला द्वारा इस तरह का आश्वासन देने के बाद उनकी मांग पर उच्च अधिकारियों से निर्देश लें। याचिका पर अगली सुनवाई 14 मार्च 2022 को रखी गई है।
Created On :   3 March 2022 7:05 PM IST