लोकायुक्त विधेयक विधानसभा से पारित मुख्यमंत्री-मंत्री भी जांच के दायरे में होंगे

Lokayukta Bill passed by the Assembly, the Chief Minister-Minister will also be under the purview of the investigation
लोकायुक्त विधेयक विधानसभा से पारित मुख्यमंत्री-मंत्री भी जांच के दायरे में होंगे
नागपुर लोकायुक्त विधेयक विधानसभा से पारित मुख्यमंत्री-मंत्री भी जांच के दायरे में होंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के दूसरे सप्ताह में बुधवार को विधानसभा ने लोकायुक्त विधेयक 2022 को पारित कर दिया। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के सदन से बहिष्कार के बाद यह विधेयक बिना किसी चर्चा के पास हो गया। इस विधेयक को सोमवार को पेश किया गया था। स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के निवेदन पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने िवधेयक को स्वीकृत किया। लोकायुक्त विधेयक के मुताबिक वर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्री इस अधिनियम के दायरे में आएंगे। 
इस मौके पर गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष भी विधेयक पर समर्थन के लिए उपस्थित रहता तो खुशी होती। अब केंद्र के लोकपाल की तर्ज पर राज्य में लोकायुक्त कानून बनेगा। मुख्यमंंत्री, मंत्री व जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले की जांच लोकायुक्त करेगा। पहले लोकायुक्त जांच के बाद केवल सिफारिश करता था लेकिन नए कानून में लोकायुक्त को निर्णय लेने का अधिकार होगा। लोकायुक्त कानून में शिकायत दर्ज करने के लिए कुछ मानक रखे गए हैं। मामले की सुनवाई के लिए लोकपाल के समान उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति का पैनल रहेगा।

एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे

विधानमंडल के दोनों सदनों में बुधवार को एक बार फिर महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दा उठा। विधान परिषद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्नाटक सरकार को चेताते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र के लिए चेतावनी भरी भाषा का प्रयोग न करें। हम एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे। विधान परिषद में बुधवार को विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने सीमा विवाद पर नियम 97 के तहत अल्पकालीन चर्चा का प्रस्ताव रखा। इस दौरान चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सीमावर्ती लोगों के लिए महाराष्ट्र में मंत्रालय की तरह स्वतंत्र कक्ष शुरू किया जाएगा। इसमें उनकी सभी लंबित समस्याओं का हल होगा। फिलहाल मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। वहां हम पूरी ताकत लगाएंगे। एकमत से प्रस्ताव पारित होने के कारण सीमावर्ती लोगों को अच्छा संदेश गया है। हमें एकजुट होकर लड़ना होगा। कर्नाटक के एक मंत्री द्वारा मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मैं इसकी निंदा करता हूं। 

हर मुसीबत में मुंबईकर साथ खड़े हुए हैं। मुंबई में रहने वाले कर्नाटक के लोग खुद को मुंबईकर समझते हैं। मुंबई आग है, उससे खेलने का काम न करें। हमारा संयम, हमारी हथबलता (कमजोरी) नहीं है। हम बोलते नहीं, करके दिखाते हैं। वहीं, सीमा विवाद के मामले में चर्चा के बाद भी कर्नाटक सरकार की ओर से दिए जा रहे बयानों का विधानसभा में बुधवार को निषेध किया गया। राज्य गृह मंत्री देवेंद्र ने कहा कि राज्य विधानसभा के निषेध प्रस्ताव के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा जाएगा। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने कहा कि कर्नाटक सरकार मुंबई पर कन्नड़ भाषियों का दावा कर रही है। सरकार उसे उसी की शैली में जवाब नहीं दे पा रही। इस गृह मंत्री फडणवीस ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र की है। किसी के बाप की नहीं है।

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में कथित घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होगी। गृह मंत्री फडणवीस ने इसके आदेश दिए हैं। विधानसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया और कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर अपनी बेटी को नियुक्ति दिलाने के आरोप लगाए। सदन से वॉकआउट भी किया। प्रश्नकाल में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर आरोप लगाए। सरकार से तत्काल जवाब की मांग के साथ विपक्ष ने सभात्याग कर दिया। इसके बाद फडणवीस ने कहा कि विपक्ष अपने ही कार्यकाल के घोटाले को सामने ला रहा है। जिन कंपनियों को परीक्षा लेने के लिए अपात्र ठहराया गया था, उन्हें ही पात्र करार दिया गया। यह सब मंत्रालय स्तर से हुआ। घोटाला के लिए किसने उकसाया, इस संबंध में उच्चस्तरीय जांच की जाएगी।

फोन टैपिंग मामला : शुक्ला के बहाने फडणवीस पर बरसे खडसे

विधान परिषद में बुधवार को फोन टैपिंग मामला उठा। आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के बहाने राकांपा विधायक एकनाथ खडसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर बरसे। खडसे ने कहा कि शुक्ला की जांच की क्लोजर रिपोर्ट हाई कोर्ट में दी गई थी। हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। मेरा 68 दिन तक फोन टैप किया गया। क्या कारण था? इसकी गहन जांच होनी चाहिए। मामले में प्रवीण दरेकर ने भी गिरीश महाजन के फोन टैपिंग का मामला उठाया। इस पर खडसे ने कुछ आपत्ति जताई, जिसे लेकर प्रवीण दरेकर ने कहा कि महाजन का नाम लेते ही आप तिलमिला क्यों गए?
 

 

Created On :   29 Dec 2022 3:49 PM IST

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