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खूब लूटा: 3 दिन में निजी अस्पतालों की 90 शिकायतें, सख्ती के बाद लौटाई रकम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की लूट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मनपा ने मरीजाें की शिकायतों का निवारण करने समिति गठित की है। समिति के कामकाज शुरू करने पर 3 दिन में 90 शिकायतें मिली हैं। उसमें से 10 शिकायतों पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सोमवार को 10 शिकायतें सुनवाई के लिए रखी गई हैं। समिति गठित होने पर पहले ही दिन 17 शिकायतें मिली थीं।
बेड के लिए हाय-तौबा मची तो उठाया फायदा
अप्रैल महीने में कोविड संक्रमण चरम पर पहुंच गया। मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो गया। बेड के लिए हाय-तौबा मचने पर मजबूरी का फायदा उठाकर अनेक निजी अस्पतालों ने अापदा में अवसर खोजकर मरीजों को जमकर लूटा। मरीजों से लाखों रुपए डिपॉजिट लेने के बाद भर्ती किया गया। मनमाना बिल वसूला गया। जान बची लाखों पाए, यह मानकर मरीजाें के रिश्तेदार मुंह मांगी रकम जमा करने के लिए विवश हुए।
पूर्व महापौर जोशी ने खोला मोर्चा
कोविड मरीजों की लूट के खिलाफ पूर्व महापौर संदीप जोशी ने मोर्चा खोल दिया। निजी अस्पतालों के बिल का ऑडिट कर सरकारी रेट से अधिक वसूले गए बिल की रकम मरीजों को लौटाने व संबंधित अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मनपा प्रशासन से मांग की। कार्रवाई नहीं करने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी। इसके बाद मनपा प्रशासन हरकत में आया। मरीजों की शिकायतों का निवारण करने समिति गठित की गई। गुरुवार को समिति ने कामकाज शुरू किया। 3 दिन में 90 शिकायतें मिली हैं।
निशाने पर अनेक अस्पताल
सरकार ने कोविड का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड आरक्षित कर इलाज के रेट तय किए हैं। सरकारी रेट को नजरअंदाज कर मरीजों से मनमानी वसूली की जा रही है। समिति को अस्पताल के बिल की पड़ताल कर शिकायतकर्ता और अस्पताल की प्रत्यक्ष सुनवाई करने के अधिकार दिए गए हैं। दोनों पक्ष सुनने के बाद अंतिम निष्कर्ष के साथ 3 दिन में मनपा को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। अतिरिक्त बिल वसूलने की शिकायतें मिलने से अनेक अस्पताल निशाने पर हैं, जिसमें शहर के नामी अस्पतालों के नाम शामिल हैं।
कोविड सेवा से हाथ खड़े किए
मनपा प्रशासन के सख्त तेवर अपनाने से निजी अस्पतालों ने कोविड मरीजों का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। दो दिन पहले मनपा आयुक्त ने निजी अस्पताल जितने कोविड मरीजों का इलाज कर चुके हैं, सभी की जानकारी मांगी है। वहीं प्राप्त शिकायतों की पड़ताल के लिए समिति गठित किए जाने से अनेक अस्पतालों पर शिकंजा सकता देख, निजी अस्पतालों ने कोविड मरीजों का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस संबंध में मनपा आयुक्त को पत्र भी दिया है।
सख्ती के बाद विम्स हॉस्पिटल ने लौटाए 2.65 लाख रुपए
कोविड इलाज के नाम पर मरीजों को लूटने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ मनपा ने सख्ती शुरू कर दी है। हाल में मनपा ने कामठी रोड स्थित विम्स हॉस्पिटल के खिलाफ सदर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में विम्स हॉस्पिटल पर साखरकर परिवार के साथ आर्थिक धोखाधड़ी और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। पीड़ित साखरकर परिवार ने भी सदर थाने में इस मामले में शिकायत की है। मनपा की इस सख्ती के बाद अब विम्स हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा साखरकर परिवार से वसूले गए 4.50 लाख रुपए में से 2.65 लाख रुपए नकद लौटाए गए हैं। नगद राशि लौटाते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन ने परिवार पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया है। हालांकि परिवार ने शिकायत वापस लेने से साफ मना कर दिया है। परिवार ने कहा कि हॉस्पिटल की मनमानी के कारण परिवार को जो मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक समस्या हुई है, उसका कोई भरपाई नहीं कर सकता है।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि जयेश साखरकर ने पिता किशोर साखरकर (70) को कोविड बाधित होने पर कोविदालय आईजीपीए में भर्ती किया गया था, किंतु स्थिति बिगड़ने पर कामठी रोड स्थित विम्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। उन्हें आईसीयू में दाखिल किया गया। इस दौरान स्थानीय डॉ. राजेश सिंघानिया ने उनसे पांच लाख रुपए एडवांस जमा करने को कहा। जयेश ने तत्काल 4 लाख 50 हजार रुपए की व्यवस्था की और 26 अप्रैल को रिसेप्शन पर रुपए जमा किए। रिसेप्शन पर उनसे कन्सेन्ट फार्म पर हस्ताक्षर भी लिए गए। पिता की तबीयत ठीक होने पर 2 मई को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। पिता के उपचार के दौरान अस्पताल की फार्मेसी का बिल 1.19 लाख रुपए का अलग से भुगतान किया गया। डिस्चार्ज करते समय जयेश ने डॉ. सिंघानिया से बिल के बारे में पूछताछ की, लेकिन सिंघानिया ने बिल देने से साफ इनकार कर दिया। इसे लेकर जयेश ने मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. से शिकायत कर अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
Created On :   23 May 2021 3:37 PM IST