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फेफड़ों ने संक्रमण से जीती जंग, अब दिल की बीमारियाँ दे रहीं दस्तक
कोरोना से ठीक हुए मरीजों में क्लॉटिंग छाती में दर्द, साँस फूलने की समस्या
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण को हराने वाले लोगों में दिल की धड़कन बढऩे, छाती में दर्द, साँस फूलने और ब्लड में क्लॉटिंग जैसी समस्याएँ भी देखी जा रहीं हैं। ऐसे लोगों में वे ज्यादा है, जिन्हें पहले से ही हार्ट से संबंधित बीमारियाँ हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्यत: व्यक्ति की हार्टबीट 60 से 100 के बीच होती है, लेकिन कोरोना से रिकवर होने वाले कई मरीजों की हार्ट बीट 100 से 130 तक भी देखी जा रही है। चिकित्सक ब्लड क्लॉटिंग रोकने के लिए पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट खून को पतला करने की दवाइयाँ दे रहे हैं।
साँस फूलने की शिकायत 6 विशेषज्ञ कहते हैं कि कार्डियक समस्याओं में साँस फूलने की शिकायत बहुत आम है। कोरोना मरीज के लंग्स में संक्रमण होने की स्थिति में साँस लेने में परेशानी होती है और ऐसे ही लक्षण हृदय रोगों में भी देखे जाते हैं। इसके अलावा छाती में दर्द होने की शिकायत भी लोग करते हैं। संक्रमण के बाद कार्डियक बीमारियों के चांस
मेडिकल कॉलेज में कार्डियक सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निमिष राय कहते हैं कि कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों में कार्डियक बीमारियाँ होने के चांस होते हैं। इसमें बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है। इसके अलावा जो लोग पहले से ही दिल की बीमारियों से पीडि़त हैं, उन्हें विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
खून में बन जाते हैं थक्के 6 विशेषज्ञों के अनुसार पोस्ट कोविड इफैक्ट में खून में थक्के बन जाने की समस्या भी देखी जा रही है। हृदय समेत हाथ-पैर की नसों में ब्लड क्लॉटिंग के मामले देखे गए हैं, इसलिए कोविड मरीजों को खून पतला करने की दवाइयाँ, इंजेक्शन रूटीन ट्रीटमेंट में शामिल किया जाता है।
विशेषज्ञ से लें सलाह - जानकार कहते हैं कि कोविड से उबरने के बाद आपको हृदय से संबंधित कोई समस्या महसूस होती है तो विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। ईसीजी, ईको जैसी जाँचों के साथ डी-डायमर, कार्डियक एंजाइम जैसी जाँचें हृदय से संबंधित समस्याओं के बारे में स्थिति स्पष्ट कर देती हैं।
Created On :   12 May 2021 4:46 PM IST