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मराठा आरक्षण अब केंद्र के पाले में डालने की जुगत में जुटी महा विकास आघाड़ी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद अब राज्य की महा विकास आघाडी सरकार यह मामला केंद्र के पाले में डालना में जुट गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में आघाडी के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर हम जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। जबकि भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करने की बजाय मराठा आरक्षण को लेकर राजनीति कर रही है।
मंगलवार कि शाम मुख्यमंत्री ठाकरे के अलावा उपमुख्यमंत्री अजित पवार,मंत्री बाला साहेब थोरात, दिलीप वलसेपाटील, अशोक चव्हाण, जयंत पाटील, एकनाथ शिंदे व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्यपाल श्री कोश्यारी से मुलाकात कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौपा। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाज की भावना को देखते हुए हमने इस बारे में केंद्र से विनती करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने कहा कि इस बारे में फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही सरकारः भंडारी
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने आरोप लगाया है कि राज्य की आघाडी सरकार मराठा आरक्षण के लिए कानून प्रक्रिया पूरी करने की बजाय राजनीति कर मराठा समाज की भावनाओं से खेल रही है। उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार मराठा आरक्षण को केंद्र के पाले में डालने की कोशिश में जुटी है। भंडारी ने आघाडी सरकार नेताओं की राजभवन परिक्रमा पर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण बचाने में विफलता के बाद अब राज्य कि महा आघाडी सरकार वैधानिक प्रक्रिया को पूरा किए बिना मामले को केंद्र सरकार को सौंप कर अपनी जान बचाना चाहती है। भाजपा नेता ने कहा कि 102 वें संविधान संशोधन के मुताबिक राष्ट्रपति के यहां मराठा आरक्षण की सिफारिश करने से पहले राज्य स्तर पर संवैधानिक प्रक्रिया का पूरा किया जाना जरुरी है। इसके लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर मराठा समाज के पिछडेपन को लेकर आयोग की सिफारिश राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पास भेजा जाना चाहिए। इसके बाद उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाना चाहिए। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्य आरक्षण को लेकर कानून बना सकते हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के मुताबिक मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार राज्यपाल को ज्ञापन सौप कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है। यह तो वही बात हो गई कि जानाथा पढंरपुर पर गाडी गोवा के लिए रवाना हो गई।’
Created On :   11 May 2021 7:30 PM IST