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कहीं महाभारत वाले लाक्षागृह न बन जाएं अस्पताल, आग लगने की घटनाओं पर नाराजगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अस्पतालों में आग के चलते मरीजों की मौत को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल वैसे लाक्षागृह न बने जैसे महाभारत में पांडवों को मारने के लिए दुर्योधन ने बनवाया था। कोर्ट ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए राज्य सरकार आश्वस्त करें कि सभी महानगपालिकाए व स्थानीय निकाय राज्य की सभी अस्पतालों नर्सिंगहोम व कोविड केयर सेंटर का फायर ऑडिट करें और भविष्य में अस्पतालों में आग न लगे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि बीमारी से परेशान मरीज के पास इतना समय नहीं होता है कि वह अस्पताल में अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियमों की तस्दीक करे। खंडपीठ कहा कि हम नहीं चाहते कि अस्पताल लाक्षागृह में परिवर्तित हो जाए।
इससे पहले खंडपीठ ने ठाणे के एक अस्पताल में आग लगने से चार लोगों की मौत की घटना का जिक्र किया। खंडपीठ ने कहा कि कुछ दिनों पहले विरार के अस्पताल में आग से कई लोगों की मौत होने की बात सामने आयी थी। पिछले माह भांडुप की ड्रीम मॉल में स्थित अस्पताल में आग लगी थी। नाशिक में ऑक्सीजन लीक से लोगों की मौत हो गई। खंडपीठ ने कहा आश्वस्त किया जाए कि भविष्य में अस्पताल में ऐसी घटनाएं न हो औऱ श्मशान घाट में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए।
रेमडेसिविर का पर्याप्त स्टॉक
खंडपीठ के सामने ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी, बेड का अभाव व कोरोना के इलाज में कुप्रबंधन को लेकर स्नेहा मार्जदी कि ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी व मुंबई महानगपालिका की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि सरकार व मनपा के पास ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक है। श्री कुंभकोणी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सरकार ने एक फॉरमेट जारी किया है। इस फॉरमेट में प्रेस्क्रिप्शन आने पर रेमडेसिविर दिया जाएगा।
टीका केंद्रो में न लगे लंबी कतार
खंडपीठ ने कहा यह सुनिश्चित किया जाए कि टीका केंद्रों पर लंबी कतारे न लगे। खंडपीठ ने कहा कि खासकर पारसी समुदाय के बुजुर्गों व वरिष्ठ नागरिकों को टीके के लिए लंबी कतार में न बैठाया जाए।
Created On :   29 April 2021 8:05 PM IST