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आठ जिलों में 19 स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए 1.64 करोड़, धान खरीद पर प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में होगी जमा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के आठ जिलों में कुल 9 तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 1 करोड़ 64 लाख रुपए का अनुदान वितरित करने की मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार के खेल विभाग की तरफ से जारी शासनादेश के मुताबिक यवतमाल के दिग्रस तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 65.35 लाख, अकोला के बालापुर तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.50 लाख, गडचिरोली के भामरागड़ तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.50 लाख, गडचिरोली के चार्मोशी तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.50 लाख, अमरावती के चिखलदरा तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.50 लाख, औरंगाबाद के सिल्लोड तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.50 लाख, जलगांव के यावल तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 35.36 लाख, सिंधुदुर्ग के दौडामार्ग तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 10.557 लाख और कोल्हापुर के आजरा तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 28 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
शासनादेश के अनुसार साल 2018-19 के बजट में खेल प्रशिक्षण केंद्र आस्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत योजना के लिए प्रावधान की गई निधि में से 80 प्रतिशत राशि मंजूर की गई है। प्रदेश में खेल नीति 2001 के अंतर्गत तहसील स्तर पर तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला किया गया है। तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में विभिन्न खेलों के लिए न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। सरकार के 21 मार्च 2009 के शासनादेश के अनुसार तहसील स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए अनुदान मर्यादा 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए की गई है।
धान खरीद पर प्रति क्विंटल 500 रुपए प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में होगी जमा
प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन पर राशि देने को मंजूरी दी गई है। किसानों को धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अतिरिक्त 500 रुपए प्रति क्विंटल के प्रोत्साहन राशि मिल सकेगी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा कराई जाएगी। केंद्र सरकार ने साधारण धान के लिए प्रति क्विंटल 1750 रुपए और अ ग्रेड धान के लिए प्रति क्विंटल 1770 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। 50 क्विंटल की सीमा तक धान बेचने के लिए ही यह राशि मिल सकेगी। प्रोत्साहन पर राशि 1 अक्टूबर 2018 से लागू मानी जाएगी। खरीफ विपणन सत्र 2018-19 में खरीदे गए धान के लिए यह लागू होगी।
सरकार ने मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके द्वारा शुरू किए गए धान खरीद केंद्र पर आने वाले धान प्रत्यक्ष रूप से किसानों से ही लिया गया है। किसी भी स्थिति में व्यापारी अथवा मिलर्स के धान खरीद केंद्रों पर बेचा न जा सके। इसके लिए सावधानी बरतने को कहा गया है। साथ ही नॉन एफएक्यू (उचित और औसत गुणवत्ता) धान नहीं खरीदे जाएंगे। सरकार के अनुसार किसानों को बोनस देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को कोई आर्थिक भरपाई नहीं की जाएगी। फिर भी धान उत्पादन के बढ़ते खर्च को ध्यान में रखते हुए किसानों को बोनस देने का फैसला किया गया है।
Created On :   4 March 2019 8:50 PM IST