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प्रकाश आंबेडकर बोले - भाजपा के विरोध के बावजूद बंद सफल, जानिए कहां-कहां हुई हिंसा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। वंचित बहुजन आघाडी नेता प्रकाश आंबेडकर ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को हुए महाराष्ट्र बंद को सफल बताया है। मुंबई स्थित आंबेडकर भवन में शाम चार बजे बंद वापस लेने का ऐलान करते हुए आंबेडकर ने कहा कि मैं बंद में शामिल सभी लोगों और संगठनों का आभारी हूं उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने पार्टी के साढ़े तीन हजार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। आंबेडकर ने कहा कि मुंबई के घाटकोपर और ठाणे के तीन हाथ नाका में पार्टी कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोको आंदोलन किया लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने दावा किया कि औरंगाबाद, मनमाड, वाडा, पालघर, जालना, हिंगोली, परभणी, सोलापुर, कोल्हापुर, पुणे, इंदापुर, गोंदिया, बीड केज, गडचिरोली, चंद्रपुर इलाकों में बंद का अच्छा खासा असर रहा और बंद 100 फीसदी सफल रहा। आंबेडकर ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से हिंसा न करने को कहा था और बेस्ट बस पर पत्थरबाजी करने वाले उनकी पार्टी से जुड़े नहीं थे। वे लोग चेहरा ढक कर आए थे।
औरंगाबाद के पंचवटी चौंक में बस पर पथराव
उधर औरंगाबाद में मिला-जुला समर्थन रहा। शुक्रवार को सुबह करीब सात बजे वालूज की ओर जा रही सिटी बस (एमएच-20-एएम-4417) पर पथराव किए जाने से माहौल थोड़ा संवेदनशील हो गया था। इसके बाद में कई इलाकों में जबरन दुकानें बंद करवाने के भी प्रयास होते रहे। बस चालक का कहना था कि वह पथराव करने वालों को नहीं देख सका। इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ वेदांत नगर पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया है। बंद के दौरान गड़बड़ियों नहीं होने देने के लिए शहर में कड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था।
अमरावती में पथराव के बाद लाठीचार्ज
बंद का विदर्भ में मिलाजुला असर दिखाई दिया। अमरावती और यवतमाल जिले में घटी छिटपुट घटनाओं को छोड़ कहीं से भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की खबर नहीं मिली है। वर्धा जिले में कहीं पैदल मार्च, कहीं बाइक रैली तो कहीं विरोध प्रदर्शन हुआ। हिंगणघाट दो घंटे तक बंद रहा। तत्पश्चात स्थिति सामान्य हो गई। यवतमाल में भी बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया। शहर में वहीं २५ से ३० कार्यकर्ता शहर में घूम-घूमकर प्रतिष्ठान बंद करने के लिए कह रहे थे। जैसे ही कार्यकर्ता मारवाड़ी चौक पर पहुंचे व्यापारियों ने बंद का विरोध कर मोदी-मोदी के नारे लगाए और अपने प्रतिष्ठान खोल दिए। इससे कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो गई लेकिन जल्द ही पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। वणी में भी व्यापारियों ने बंद विरोध किया। इसके अलावा कहीं से भी किसी अनुचित घटना की खबर नहीं मिली है। अमरावती में सुबह 11 बजे मोर्चा निकलने के बाद आंदोलनकारी व्यापारियों से प्रतिष्ठान बंद करने का आह्वान कर रहे थे। इस दौरान इर्विन चौराहे से मालवीय चौक के बीच मांगीलाल हाइट कॉम्प्लेक्स पर किसी शरारती तत्व ने पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया और अफरातफरी मच गई। पुलिस ने तत्काल आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी। इस दौरान 13 लोगों को वसंत हॉल में डिटेन किया गया। कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। चंद्रपुर, $गड़चिरोली, गोंदिया तथा भंडारा में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया।
नागपुर में मिलाजुला असर
प्रकाश आंबेडकर के ‘महाराष्ट्र बंद’ के आह्वान पर नागपुर शहर व जिले में मिलाजुआ असर रहा। शहर के सीताबर्डी बाजार, जाफर नगर, इंदोरा, कमाल चौक, जरीपटका, लष्करीबाग, वाठोड़ा, म्हालगी नगर, हुडकेश्वर में बाजार बंद रहे। मोमिनपुरा में आशिंक असर रहा। शहर के अन्य हिस्से बेअसर दिखे। बंद का व्यापक असर वाड़ी और बुटीबोरी में देखने मिला। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बंद शांतिपूर्ण रहा। कहीं कोई हिंसा नहीं हुई। सिर्फ कमाल चौक पर प्रदर्शन कर रहे भोला शेंडे को हिरासत में लिया गया। वे सीएए और एनआरसी के नाम से कपड़े पहनकर विरोध जता रहे थे।
वाड़ी, बुटोबीर में निकला शांति मार्च
वाड़ी में शत-प्रतिशत बंद का दावा किया गया। वाड़ी ट्रांसपोर्ट एरिया होने से क्षेत्र का बाजार लगभग बंद रहा। जिसका असर अन्य व्यवसाय पर भी दिखा। वीबीए के जिलाध्यक्ष नितेश जंगले ने शांतिपूर्वक बंद करने का आह्वान किया। इस दौरान वीबीए के कार्यकर्ता हाथ में तिरंगा लेकर दुकानों को बंद करने का आह्वान करते दिखे। कंट्रोल वाड़ी, एमआईडीसी, दत्तवाड़ी, आठवा मैल तक कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कीं। पेट्रोल पंप भी बंद रहा। नितेश जंगले के नेतृत्व में दिनेश बंसोड, राजेश जंगले, अतुल शेंडे, गणेश नितनवरे, अभिषेक देवासे, भूषण सोमकुंवर आदि शामिल हुए। बुटीबोरी में बंद के समर्थन में भीम पैंथर ने अपने कार्यालय से बुटीबोरी पुलिस स्टेशन तक शांति मार्च निकाला। पुलिस निरीक्षक आसिफराजा शेख को निवेदन दिया गया। बंद को भीम पैंथर, वीबीए सहित विविध संगठनों का समर्थन रहा। आनंद मेश्राम, जितेंद्र मेश्राम, सुमित कांबले, देवनाथ खोब्रागडे, अरविंद नारायणे, किसन मेश्राम, कैलास मडावी, नंदेश वाघमारे आदि ने शांति मार्च में हिस्सा लिया।
सोलापुर में हिंसा, बस पर पथराव
उधर सोलापुर में बंद के दौरान हिंसक मोड़ आया। अज्ञात व्यक्तियों ने स्थानीय परिवहन बस पर पथराव किया। जिले कांग्रेस, एमआईएम, माकपा समेत करीबन 150 संगठनों ने बंद को समर्थन दिया था। सुबह 11 बजे शिवाजी चौराहे से मोर्चा निकाला गया। मोर्चा के बाद अज्ञात व्यक्तियों ने मनपा की बस पर पथराव कर कांच तोड़े। बंदोबस्त डटी पुलिस ने तत्काल स्थिति पर काबू पाया।
बारामती में मिला अच्छा प्रतिसाद
उधर बंद को बारामती में अच्छा प्रतिसाद मिला। कईयों ने अपनी दुकानें, व्यापार बंद रखे थे। वहीं पुणे में असर कम दिखाई दिया। सड़कों पर भी रोज की तरह ही भीड़ थी। ज्यादातर इलाकों में व्यापार शुरू थे। स्कूल, कॉलेज भी खुले रखे गए थे। जहां वंचित संगठन का अधिक प्रभाव है, उन इलाकों में बंद का थोड़ा बहुत असर दिखा। खड़की में वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद करवाई।
भाजपा के विरोध के बावजूद बंद सफल-प्रकाश आंबेडकर
वंचित बहुजन आघाडी नेता प्रकाश आंबेडकर ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को हुए महाराष्ट्र बंद को सफल बताया है। मुंबई स्थित आंबेडकर भवन में शाम चार बजे बंद वापस लेने का ऐलान करते हुए आंबेडकर ने कहा कि मैं बंद में शामिल सभी लोगों और संगठनों का आभारी हूं उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने पार्टी के साढ़े तीन हजार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। आंबेडकर ने कहा कि मुंबई के घाटकोपर, और ठाणे के तीन हाथ नाका में पार्टी कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोको आंदोलन किया लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने दावा किया कि औरंगाबाद, मनमाड, वाडा, पालघर, जालना, हिंगोली, परभणी, सोलापुर, कोल्हापुर, पुणे, इंदापुर, गोंदिया, बीड केज, गडचिरोली, चंद्रपुर इलाकों में बंद का अच्छा खासा असर रहा और बंद 100 फीसदी सफल रहा। आंबेडकर ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से हिंसा न करने को कहा था और बेस्ट बस पर पत्थरबाजी करने वाले उनकी पार्टी से जुड़े नहीं थे। वे लोग चेहरा ढक कर आए थे।
Created On :   24 Jan 2020 7:35 PM IST