अर्नब केस में महाराष्ट्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक, दिया अवमानना का नोटिस

Maharashtra government shocked in Arnab case, Supreme Court prohibits arrest, Contempt notice issued
अर्नब केस में महाराष्ट्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक, दिया अवमानना का नोटिस
अर्नब केस में महाराष्ट्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक, दिया अवमानना का नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। जिसमें महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। अर्नब को यह नोटिस सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले में उनके कार्यक्रम में बहस के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणियों को लेकर जारी किया गया था। विशेषाधिकार नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की वजह से 13 अक्टूबर को अर्नब गोस्वामी को लेटर लिखने और डराने को लेकर अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को अवमानना को नोटिस जारी किया। साथ ही इस मामले में गोस्वामी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को नोटिस जारी कर उनसे पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाए। प्रधान न्यायाधीश बोबडे ने इस बात पर नाराजगी जताई जब गोस्वामी की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने अवगत कराया कि सचिवालय के सचिव ने गत 30 अक्टूबर को गोस्वामी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्होंने गोपनीयता की शर्त का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह पत्र गंभीरतापूर्ण न्याय प्रशासन में दखल देने वाला है, क्योंकि इसमें कोर्ट जाने को लेकर गोस्वामी को धमकाया गया है। 

कोर्ट ने विधानसभा के सचिव को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुआई वाली बेंच ने वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को न्याय मित्र नियुक्त किया। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि लेटर लिखने वाले का स्पष्ट उद्देश्य याचिकाकर्ता को डराना लग रहा है। कोर्ट जाने के लिए उसे जुर्माने की धमकी दी गई, जबकि कोर्ट जाने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकार है। इस मामले में सहायता के लिए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को भी नोटिस जारी हुआ है। 47 वर्षीय पत्रकार की पत्नी की ओर से शपथपत्र के साथ आवेदन दिया था, अन्य मामले में अर्नब जेल में हैं। बुधवार को साल 2018 के एक सुसाइड केस में उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

अर्नब को 2018 के एक आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया था

बता दें कि मुंबई पुलिस ने बुधवार को ही अर्नब को 2018 के एक आत्महत्या मामले में सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जिस मामले में अर्नब की गिरफ्तारी की गई है, वह साल 2018 का मामला है, जब इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने मई 2018 में अलीबाग में आत्महत्या कर ली थी। इस दौरान पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

Created On :   6 Nov 2020 5:56 PM IST

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