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कटौती रोकने और बिजली खरीदेगी महाराष्ट्र सरकार, कई इलाकों में घंटों बिजली नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में बिजल कटौती को टालने के लिए महावितरण को बिजली खरीदी करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने राज्य में बढ़ती हुई बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए लोडशेंडिग न होने देने के लिए महावितरण को 15 जून 2022 तक बिजली खरीदने को स्वीकृति दी है। इससे केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा तय किए गए बिजली खरीदी करार के संबंध में आवश्यक फैसला महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी का निदेशक मंडल ले सकेगा। बढ़ती गर्मी और सिंचाई के लिए राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पादन कम होने लगा है। पॉवर एक्सचेंज में उपलब्ध होने वाली बिजली महंगी साबित हो रही है। ऐसी स्थिति में बिजली कटौती से बचने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। राज्य में इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली में से 87 प्रतिशत बिजली सरकारी बिजली कंपनी महावितरण की ओर से वितरित की जाती है।
पिछले साल के मुकाबले 8.2 प्रतिशत बढ़ी मांग
मार्च 2022 से कृषि पंपों के ग्राहकों का बिजली इस्तेमाल बढ़ा हुआ है। तीव्र गर्मी के कारण राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 28 हजार 489 मेगावाट तक पहुंच गई है। यह मांग पिछले साल की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़ी है। राज्य में फिलहाल साढ़े तीन हजार से चार हजार मेगावाट बिजली की कमी है। बिजली की कमी को पूरा करने 1 हजार 900 मेगावाट का कोयना जल विद्युत परियोजना पूरी क्षमता से चलाया जा रहा है। लेकिन यहां भी पानी की कमी है। इसके मद्देनजर राज्य के ग्राहकों को सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति करने के लिए महावितरण को बिजली खरीदने की मंजूरी दी गई है।
गुजरात से 760 मेगावाट बिजली खरीदने का करार- राऊत
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने कहा कि ऊर्जा विभाग ने लोडशेंडिग को टालने के लिए कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड (सीजीपीएल) कंपनी के साथ 760 मेगावाट बिजली खरीदने का करार दिया है। राऊत ने कहा कि मंत्रिमंडल ने बिजली खरीदने का पूरा अधिकार महावतिरण कंपनी को दे दिया है। इससे बिजली खरीदने के लिए अब मंत्रिमंडल की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में बिजली कटौती नहीं होने दी जाएगी। राऊत ने कहा कि महावितरण सीजीपीएल कंपनी से 4.50 रुपए से 5.50 रुपए प्रति यूनिट की दर पर महाराष्ट्र को बिजली मिल सकती है। जबकि पॉवर एक्सचेंज से 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध हो सकती है।
खर्च करने पड़ेंगे 150 करोड़
राऊत ने कहा कि सीजीपीएल कंपनी से बिजली खरीदने के लिए सरकार की तिजोरी पर 100 से 150 करोड़ रुपए का भार पड़ने की संभावना है। राऊत ने कहा कि राज्य में फिलहाल बिजली की अधिकतम मांग प्रति दिन 28 हजार 700 मेगावाट तक हो रही है। लेकिन जून महीने में हर दिन 30 हजार मेगावाट बिजली की मांग हो सकती है। राऊत ने कहा कि कोयना जल विद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन के लिए 17 टीएमसी पानी उपलब्ध है। राज्य के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने हाल ही में 10 टीएमसी पानी बढ़ाकर दिया था। हर दिन बिजली उत्पादन के लिए 1 टीएमसी पानी की जरूरत पड़ती है। फिलहाल कोयना परियोजना में बिजली उत्पादन के लिए केवल 17 दिनों का पानी बचा हुआ है। राज्य में कोयले का पर्याप्त भंडारण न होने से बिजली उत्पादन संयंत्र चलाना मुश्किल हो गया है। गर्मी के कारण कई जगहों पर ट्रांसफार्मर बंद हो रहे हैं। राऊत ने कहा कि पूरे देश में बिजली उत्पादन संयंत्र में मुश्किल है। इसलिए पॉवर एक्सचेंज से समय पर बिजली उपलब्ध नहीं हो रहा है। इससे लोडशेंडिग को संभावना बढ़ गई है। गुजरात ने सप्ताह में एक दिन और आंध्रप्रदेश ने 50 प्रतिशत बिजली कटौती की है।
कोयला उपलब्ध न होने से बिजली संकट- पटोले
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात के दौरान बिजली संकट पर चर्चा की। पटोले ने कहा कि गर्मी बढ़ने से राज्य में बिजली की मांग बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने पर्याप्त कोयला उपलब्ध नहीं कराया है। इससे लोडशेंडिग की नौबत आ गई है।
Created On :   8 April 2022 9:09 PM IST