अब स्वच्छता के लिए 'लोटाबंदी' करेगी सरकार, खुले में शौच करने वालों की खैर नहीं

Maharashtra government will now seize lota for cleanliness
अब स्वच्छता के लिए 'लोटाबंदी' करेगी सरकार, खुले में शौच करने वालों की खैर नहीं
अब स्वच्छता के लिए 'लोटाबंदी' करेगी सरकार, खुले में शौच करने वालों की खैर नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार की नोटबंदी के बाद महाराष्ट्र सरकार लोटाबंदी करने जा रही है। इसके तहत खुले में शौच से मुक्त (ODF) इलाकों में जो सड़क किनारे और खुली जगहों पर शौच करते पाए जाने पर लोटा जब्त कर लिया जाता है। राज्य में लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए लोटाबंदी का निर्णय लिया गया है। 

लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत
मंगलवार को मंत्रालय में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने कहा कि सरकार की तरफ से शौचालय बना कर दिए जा रहे हैं। फिर भी लोगों की मानसिकता बदलने में समय लग रहा है। इसलिए सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता ने लोटाबंदी का प्रयोग करने का फैसला किया है। हालांकि लोणीकर यह नहीं बता पाए कि अभी तक राज्य भर में खुले में शौच करने वालों में कितने लोगों का लोटा जब्त किया गया है। इस दौरान लोणीकर ने जालना और पालघर जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। मराठवाड़ा संभाग में जालना खुले में शौच से मुक्त होने वाला पहला जिला है।

नागपुर सहित 13 जिले खुले में शौचमुक्त
लोणीकर ने बताया कि राज्य के 13 जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। इसमें नागपुर, गोंदिया, भंडारा, वर्धा, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, ठाणे, कोल्हापुर, पुणे, सांगली और सातारा जिले हैं। ग्रामीण इलाकों में 88 प्रतिशत शौचालय बनाने का काम पूरा हो चुका है। जहां 43 लाख और शहरी इलाकों में 8 लाख नए शौचालय बनाए जा चुके हैं। 

महाराष्ट्र को मिला पुरस्कार
लोणीकर ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाने वाला स्वच्छता दर्पण पुरस्कार वर्धा, सिंधुदुर्ग, सातारा, सांगली, कोल्हापुर जिले को मिला है। केंद्र की तरफ से राज्य के सचिन जोशी, मिलिंद व्यवहारे, गणेश सावंत को स्वच्छथॉन पुरस्कार दिया गया है।  लघुपट और निबंध लिखने की स्पर्धा में प्रशांत पांडेकर को देश में प्रथम पुरस्कार मिला है। जबकि विनेय किरपाल को विशेष पुरस्कार दिया गया।
 

Created On :   4 Oct 2017 2:53 AM GMT

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