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सरकार का फैसला : डीपीडीसी में महिला-बाल कल्याण के लिए 3 फीसदी राशि, ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाने के लिए नियम बदले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी आर्थिक वर्ष से जिला वार्षिक योजना (डीपीडीसी) में महिला व बालकल्याण के लिए 3 प्रतिशत निधि आरक्षित रखी जाएगी। प्रदेश की महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजन मंत्री अजित पवार से यह मांग की थी। इसके अनुसार नियोजन विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया है। जिला वार्षिक योजना के साल 2021-22 का वार्षिक प्रारूप तैयार करते समय विभिन्न घटकों के लिए योजनाओं की निधि आवंटित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया गया है। जिसमें महिला व बाल कल्याण के लिए चिन्हांकित निधि आवंटित करने की सूचना दी गई है। राज्य में महिला व बाल कल्याण के लिए जिला वार्षिक योजना सन 2021-22 से जिला स्तर पर कुछ अतिरिक्त योजनाएं शुरू की जाएंगी। इन योजनाओं के लिए 3 प्रतिशत निधि आरक्षित रहेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 3200 वर्गफिट वाले भूखंड पर घर बनाने के लिए नगर रचनाकार से अनुमति लेने की जरुरत नहीं
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 3200 वर्गफिट वाले भूखंड पर घर बनाने के लिए नगर रचनाकार से अनुमति लेने की जरुरत नहीं होगी। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने गुरुवार को यह जानकार दी। उन्होंने बताया कि करीब 1600 वर्गफिट के भूखंड पर निर्माण कार्य के लिए जमीन के मालिकाना हक के कागजात, ले आऊट, मानचित्र, बिल्डिंग प्लान यूनिफाईड डीसीआर के अनुसार लाईसेंस इजिनियर के प्रमाणपत्र के साथ ग्राम पंचायत के सामने पेश करना होगा। इसके लिए जरुरी विकास शुल्क देना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ग्रामीण अपना मकान बना सकेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायत से कमेंशमेंट सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं होगी। जबकि 1600 से 3200 वर्गफिट के भूखंड पर भवन निर्माण के लिए यूनिफाईड डीसीआर के अनुसार ग्राम पंचायत के पास लाईसेंसी इंजिनियर द्वारा प्रमाणित कागजात के साथ आवेदन किया जा सकेगा। विकास शुल्क वसूल कर ग्राम पंचायत बगैर किसी छाननी के कमेंशमेंट सर्टिफिकेट देगा। नगर रचनाकार की अनुमति की जरुरत नहीं होगी।
Created On :   25 Feb 2021 8:53 PM IST