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राज्य की जेलों में लहराएगा महाराष्ट्र कारागृह ध्वज
डिजिटल डेस्क, नागपुर, अभय यादव। महाराष्ट्र में करीब 57 साल बाद पहली बार राज्य की सभी जेलों में महाराष्ट्र कारागृह ध्वज लहराया जाएगा। जिस प्रकार 26 जनवरी और 15 अगस्त को जेल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और इस दौरान सभी कैदी उपस्थित रहते हैं, उसी प्रकार महाराष्ट्र कारागृह ध्वज को राज्य की सभी जेलों में हर साल 1 सितंबर को फहराया जाएगा। महाराष्ट्र की जेलों काे कारागृह ध्वज दिए जाने की जानकारी संभवत: पहली बार सामने आएगी, जब लोगों को जेल में -"महाराष्ट्र कारागृह ध्वज' लहराता नजर आएगा। जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने इसकी पुष्टि की है। इसके तहत महाराष्ट्र जेल विभाग के अनुसार नागपुर की सेंट्रल जेल सहित राज्य की सभी जेलों में -"महाराष्ट्र कारागृह ध्वज' फहराने की तैयारी जोर-शोर से शुरू है। इसके पहले राज्य की जिला व मध्यवर्ती कारागारों में सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज लहराता रहा है। महाराष्ट्र जेल विभाग के अंतर्गत राज्य में 9 मध्यवर्ती कारागार और 31 जिला कारागार हैं।
जिला व सेंट्रल जेलों में लागू
सूत्रों के अनुसार 1 सितंबर 1965 को जब वसंतराव फूलसिंग नाईक मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने -"महाराष्ट्र कारागृह ध्वज को कारागृह विभाग को बहाल किया था। यह पहली बार होगा जब राज्य की जिला और मध्यवर्ती कारागारों में इस ध्वज को फहराया जाएगा। अब जेल के प्रवेश द्वार पर -"महाराष्ट्र कारागृह ध्वज' भी नजर आएगा। वसंतराव नाईक वर्ष 1963 से 1975 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री मारोतराव कन्नमवार की मृत्यु के बाद पी. के. सावंत ने दस दिनों तक यह पद संभाला। नाईक बाद में मुख्यमंत्री बनाए गए और 5 दिसंबर 1963 से 20 फरवरी 1975 तक उनका कार्यकाल रहा। वर्ष 1952 में कारागार महानिरीक्षक का आठवां अखिल भारतीय सम्मेलन मुंबई (तब का बॉम्बे) में आयोजित किया गया था। वर्ष 1957 में भारत सरकार द्वारा अखिल भारतीय जेल मैनुअल समिति नियुक्त की गई थी। इस समिति ने एक आदर्श जेल नियमावली तैयार की और वर्ष 1959 में अपनी रिपोर्ट भी प्रकाशित की। इस समिति द्वारा भारतीय दंड संहिता में बदलाव की सिफारिश की गई थी। उसके पश्चात इस ध्वज को बहाल किया गया था।
Created On :   31 Aug 2022 7:23 PM IST