विधायक का गोद लिया गांव गोद में ही रहा, विकास की किरण तक नहीं पहुंची

Maharashtra legislative assembly sudhakar deshmukh adopt village
विधायक का गोद लिया गांव गोद में ही रहा, विकास की किरण तक नहीं पहुंची
विधायक का गोद लिया गांव गोद में ही रहा, विकास की किरण तक नहीं पहुंची

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हिंगणा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाला पारडी (घटाटे) गांव विधायक समीर मेघे के निर्वाचन क्षेत्र में आता है। इस गांव को पश्चिम नागपुर के विधायक सुधाकर देशमुख ने चार साल पहले गोद लिया था। गोद लेने का कार्यक्रम जब हुआ था, तब पहली और आखिरी बार विधायक के कदम इस गांव में पड़े थे। इसके बाद उन्होंने कभी गांव में जाकर दोबारा नहीं देखा। यह गांव विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर है। राजनीतिक लोग वोट मांगने गांव जाते हैं, आश्वासनों की बारिश कर चुनाव जीतते हैं लेकिन एक भी जनप्रतिनिधि ऐसा नहीं हुआ जो इस गांव का विकास कर सके। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण कई आपात संकटों से दो-चार हो जाते हैं। ग्रामीणों ने कई बार अपने स्तर पर जनप्रतिनिधियों के पास जाकर अलग-अलग समस्याओं को हल करने की गुहार लगायी, लेकिन हर बार उनके हिस्से में निराशा ही आयी है। जिस विधायक ने गांव गोद लिया है, उनके दरबार में सरपंच घंटों बैठे रहते थे, लेकिन उनकी एक भी  नहीं सुनी गई।

यातायात के संसाधन नहीं
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि आजादी के 72 साल बाद भी इस गांव में यातायात के संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इस गांव तक न कोई बस आती है और न अन्य कोई सवारी वाहन। जिन लोगों के पास वाहन हैं, वे मुख्य सड़क तक आवाजाही कर लेते हैं। बाकी ग्रामीणों को 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित मुख्य सड़क तक पैदल आवाजाही करनी पड़ती है या किसी अन्य वाहनधारक की मदद लेनी पड़ती है। ग्रामीणों ने यह समस्या विधायक देशमुख के सामने रखी थी। 10 फरवरी 2016 को विधायक ने कहा था कि नागपुर में चलने वाली आपली बस इस गांव तक आएगी। नागपुर से पारडी (घटाटे) होते हुए बस कलमेश्वर जाएगी लेकिन आज तक इस गांव में बस नहीं पहुंची।हमारे गांव को गोद लेने के लिए चार साल पहले पश्चिम नागपुर के विधायक सुधाकर देशमुख आये थे।

विधायक महोदय गांव गोद ले रहे हैं, जानकर पूरा गांव खुश था। गोद लेने के लिए उनके गांव आगमन की पूर्व सूचना मिली तो ग्रामपंचायत ने खुशी-खुशी उनके सत्कार का कार्यक्रम आयोजित किया। इसके लिए 15 हजार रुपए ग्रामपंचायत ने खर्च किए। विधायक देशमुख ने गांव गोद लेने की औपचारिकताएं पूरी कीं। बाद में गांव की एक-एक समस्या से उन्हें अवगत कराया गया। समस्याओं को लेकर कागजी कार्यवाही पूरी की गई। इस बात को चार साल बीत चुके हैं, लेकिन विधायक महोदय ने दोबारा गांव में कदम नहीं रखा। नागपुर से 19 किलोमीटर की दूरी पर कळमेश्वर के समीप स्थित गांव पारडी (घटाटे) गांव के लोग यह कड़वा सच बोलने में बिल्कुल नहीं हिचकिचाते। उधर विधायक देशमुख का दावा है कि उन्होंने गांव के अलग-अलग विकासकार्यों के लिए अपनी निधि से 25 लाख रुपए दिए हैं जबकि गांव में जाकर देखने पर विधायक देशमुख के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं।

Created On :   20 Sept 2019 2:03 PM IST

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