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2021 में महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश और ओडिशा में सबसे ज्यादा मौतें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते साल चरम मौसम की घटनाओं से सबसे ज्यादा मौते महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और ओडिशा में हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि इन घटनाओं से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के ही जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की ओर से आयोजित अनिल अग्रवाल (एएडी) 2022, सालाना कान्क्लेव में देश के सामने मौजूदा पर्यावरण की चुनौतियों पर बात करते हुए महापात्रा ने उक्त जानकारी साझा की है। इस दौरान सीएसई के अक्षित संगोमला ने कहा कि चरम मौसम की घटनाओं के लिहाज से 2021 एक बहुत ही महत्वपूर्ण साल था। यह अब तक दर्ज किए गए सात सबसे गर्म सालों में से एक था। संगोमला ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की आपदाओं का सामना करने में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है, जिसमें जलवायु परिवर्तन से संबंधित मौतों की अधिकतम संख्या के लिए बिजली और गरज के साथ आने वाली तूफानी घटनाएं जिम्मेदार होती है।
जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतरराष्ट्रीय समिति (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट के अनुसार अगर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कोई भारी कमी नहीं होती, तो अगले 20 सालों में धरती की औसत सतह के तापमान में वॉद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस और सदी के मध्य तक 2 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगी। भले ही 21वीं सदी के मध्य तक उत्स र्जन को नेट जीरो पर ले आया जाए फिर भी तापमान में केवल 0.1 की वृद्धि भी 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा पार कर जाएगी। आने वाले दशकों में उत्सर्जन में भारी कटौती के बिना 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा 21वीं सदी के दौरान परा हो जाएगी।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि खतरे की घंटी बज चुकी है। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचने के विकल्प बहुत सीमित रह गए है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विनाश कारी हैं।
Created On :   4 March 2022 7:13 PM IST