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महाराष्ट्र में लग सकता है सख्त लॉकडाउन, सोनिया ने जाना हाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में 8 से 15 दिनों तक के लिए सख्त लॉकडाउन लगाने के संकेत दिए हैं। शनिवार को हुई सर्वदलिय बैठक में इस बाबत चर्चा हुई। बैठक में लॉकडाउन की जरुरत को लेकर सभी दलों के नेता एकमत दिखाई दिए। हालांकि भाजपा ने जल्दबाजी में लॉकडाउन न लगाने और श्रमिक वर्ग के लिए पैकेज जाहिर करने की मांग की है।जबकि सरकार में शामिल कांग्रेस व राकांपा ने मुख्यमंत्री को कड़े फैसले लेने के लिए समर्थन दिया है। करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए लॉकडाउन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिनों के भीतर लोगों की मदद के लिए योजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की चैन तोड़ने के लिए कम से कम 8 दिनों का सख्त लॉकडाउन लगाने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सख्त पांबदी और छूट दोनों एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि बैठक खासतौर से देवेंद्र फडणवीस के लिए बुलाई है नहीं तो कल ही फैसला ले लेता। उद्धव ने कहा कि विपक्ष के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब युवाओं को भी कोरोना टीका लगाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगाते वक्त रोज कमाने, खाने वालों के बारे में सोचा जाना चाहिए पर पहले कुछ भी करके कोरोना संक्रमण को और फैसले से रोकना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ जनभावना है तो दूसरी तरफ कोरोना का बढ़ता संकट, ऐसे में यदि यह लड़ाई जीतनी है तो थोड़ा धैर्य रखना होगा। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से मेरा निवेदन है कि सरकार के फैसले का समर्थन करें।
लॉकडाउन लगाओं पर लोगों की मदद भी करोः फडणवीस
बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम कोरोना पर राजनीति बंद करने के लिए तैयार हैं पर आप (मुख्यमंत्री) अपने नेताओं व मंत्रियों को समझाएं। फडणवीस ने कहा दिनभर सत्तापक्ष के मंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ बोलते रहेंगे तो हमें भी जवाब देना पड़ेगा। यह समझना होगा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही कर्ज लेना हो पर लॉकडाउन से प्रभावित जरुरतमंदों की मदद की जानी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट जल्द मिलनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि निजी अस्पतालों में रेमडिसीवर इंजेक्शन की भारी कमी है। फडणवीस ने कहा कि मुंबई मनपा को छोड़कर बाकी महानगरपालिकाओं की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, इस लिए उनकी मदद करनी चाहिए। लॉकडाउन से जिनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी उनकी मदद के लिए विचार होना चाहिए। बगैर इसके पूर्ण लॉकडाउन किया तो विद्रोह पैदा होगा। फडणवीस ने कहा कि जनभावना का आदर करते हुए फैसला होना चाहिए।
बैठक में शामिल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि फिलहाल लॉकडाउन को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगने पर आम लोगों को होने वाली परेशानी की बाबत बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आश्वासन दिया है कि श्रमिक वर्ग के लिए सोमवार तक पैकेज घोषित किया जाएगा। पाटील के अनुसार बैठक में मौजूद विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके लिए एक विस्तृत योजना होनी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि हम लॉकडाउन के विरोध में नहीं हैं पर विभिन्न घटकों की मदद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास विधायक निधि दो करोड़ से चार करोड़ रुपए देने के लिए पैसे हैं। मुंबई में नगरसेवकों को सुशोभिकरण के लिए 400 करोड़ रुपए हैं पर गरीबों की मदद के लिए क्यों पैसे नहीं हैं।
कठोर निर्णय लेने की जरुरतः चव्हाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कोरोना मरीजों के आकड़े चिंताजनक हैं। अब कोठर निर्णय की जरुरत है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने जाना महाराष्ट्र में कोरोना संकट का हाल
उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के कांग्रेस शासित राज्यों में कोरोना की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्य रुप से कोरोना के टीकाकरण अभियान की जानकारी ली और कोरोना नियंत्रण प्रबंधन की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने को लेकर मार्गदर्शन किया। बैठक के दौरान कोरोना से निपटने के लिए जरूरी साधन व सामग्री के वितरण को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों के प्रति केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार का मुद्दा भी उभर कर सामने आया। बैठक में सांसद राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाए। लेकिन ऐसा करते वक़्त इस बात का ध्यान रखा जाए कि इसका असर गरीबों की जीविका पर न पड़े। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते गरीब तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इसलिए उनके हित पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता व राज्य के राजस्व मंत्री बाला साहब थोरात ने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार कोरोना के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ रही हैं। देश में सबसे अधिक कोरोना की जांच महाराष्ट्र में हो रही है। किंतु केंद्र सरकार की ओर यहां की जरूरत के हिसाब से कोरोना का टीका नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। इसलिए टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है। इस दौरान श्री थोरात ने राज्य में रेमडिसीवर इंजेक्शन की कमी के मुद्दे को भी उठाया। इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व अन्य राज्यों के कांग्रेस नेता शामिल हुए।
Created On :   11 April 2021 2:15 PM IST