मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण बहाली के फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई 

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डि़जिटल डेस्क, मुंबई। मध्यप्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति मिलने के बाद भाजपा ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार पर जम कर हमला बोला है। प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस्तीफे की मांग की है। जबकि प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि महाराष्ट्र में भी ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे। बुधवार को नागपुर में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नकारा राज्य सरकार ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण की हत्या कर दी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के ओबीसी आरक्षण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि यदि महाराष्ट्र सरकार ने समय पर ‘ट्रिपल टेस्ट’ पूरा कर लिया होता तो यहां पर भी आरक्षण बहाल हो गया होता। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार के स्थानीय निकायवार ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए ओबीसी आरक्षण सहित चुनाव कराने की अनुमति दी है। फडणवीस ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने करके दिखा दिया है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार केवल भाषण और राजनीति करती रही। महाराष्ट्र सरकार ओबीसी विरोधी है। फडणवीस ने दावा किया कि सरकार दबाव के चलते ओबीसी आरक्षण नहीं देना चाहती है। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि सरकार पर किसका दबाव है। फडणवीस ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी। 

ढाई साल में इम्पिरिकल डाटा नहीं जुटा सकी सरकारः पाटील

जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को दोबारा हासिल कर लिया है। लेकिन महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार बीते ढाई सालों में ओबीसी का इम्पिरिकल डेटा जुटाने के काम में केवल टालमटोल करती है। सरकार ने ओबीसी आरक्षण की राजनीति हत्या कर दी है। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण गंवा दिया है। सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के पदोन्नति में आरक्षण में घालमेल किया है। अब सरकार ने ओबीसी समाज का स्थायी रूप से बड़ा नुकसान किया है। इस अन्याय के लिए मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। वहीं प्रदेश भाजपा महासचिव तथा भाजपा विधायक देवयानी फरांदे ने कहा कि ओबीसी आरक्षण देने में विफल साबित हुए मुख्यमंत्री महाराष्ट्र से माफी मांगकर इस्तीफा दें। 

मध्यप्रदेश में चार दिनों में कैसे हुआ चमत्कार – नाना पटोले 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मध्यप्रदेश को ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति मिलने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी का इम्पिरिकल डेटा तो नहीं दिया है? पटोले ने कहा कि चार दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जो निर्देश दिए थे, वहीं निर्देश मध्यप्रदेश सरकार को भी दिया था। फिर चार दिनों में ऐसा क्या चमत्कार हुआ कि मध्यप्रदेश सरकार को ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए अनुमति मिल गई। पटोले ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा कौन से डेटा दिया है जिससे सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट हो गया है? पटोले ने कहा कि भाजपा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। लेकिन हमें विश्वास है कि राज्य में ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे। 

एक महीने में बांठिया आयोग देगा इम्पिरिकल डेटा- भुजबल

प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण के साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि बांठिया आयोग एक महीने में ओबीसी का इम्पिरिकल डेटा जुटा लेगा। भुजबल ने कहा कि हमें मध्यप्रदेश सरकार की ओर से ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त हुई है। बांठिया आयोग मध्यप्रदेश के तर्ज पर आरक्षण के लिए इम्पिरिकल डेटा तैयार कर रहा है। बांठिया आयोग की रिपोर्ट तैयार होने के बाद महाराष्ट्र को भी सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति मिल जाएगी। वहीं प्रदेश के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी राज्यों में लागू किया जाना चाहिए। 

 

Created On :   18 May 2022 4:09 PM GMT

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