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बजट : महाराष्ट्र के साथ हुआ अन्याय, उद्धव बोले -चुनाव नहीं, देश के लिए सोचो
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए साल 2021-22 के आम बजट को प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के घटक दलों ने महाराष्ट्र के लिए अन्याय करार दिया है। केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि बजट देश के लिए होना चाहिए, चुनाव के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि वे थोड़े समय बाद बजट के बारे में व्यवस्थित तरीके से बोलेंगे। मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया था कि क्या बजट में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल, केरल और दक्षिण के राज्यों के लिए बड़े आर्थिक प्रावधान किए गए हैं? इसके जवाब में मुख्यमंत्री यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा ने बजट की खूबियां गिनाई हैं।
केंद्रीय बजट 2021 से हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन उद्योग को निराशा हाथ लगी है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा कि देश के जीडीपी में इस उद्योग की हिस्सेदारी 10 फीसदी है। इस इंडस्ट्री का भारत के रोजगार में 9 फीसदी योगदान है। इसके बाबावजूद आतिथ्य सत्कार व पर्यटन उद्योग को केंद्रीय बजट में कुछ भी नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट असोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) समय समय पर हॉस्पिटैलिटी उद्योग की परेशानियों को सरकार के ध्यान में लाने का कार्य करता रहा। बजट पूर्व सौंपे गए ज्ञापन में वित्त मंत्री के समक्ष एफएचआरएआई ने हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन उद्योग के लिए कुछ प्राथमिक सुधार का प्रस्ताव रखा था। कोरोना संकट में होटल उद्योग हर तरह से सरकार के साथ खड़ा रहा, लेकिन हमें आश्चर्य है कि केंद्रीय वित्तमंत्री के बजट में इस इंडस्ट्री का कोई उल्लेख नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार अन्य देशों में होटल व पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए उठाए गए कदमों का अध्ययन कर होटल उद्योग को राहत प्रदान करेगी और कोरोना संकट में सबसे अधिक प्रभावित इस क्षेत्र को बचाने के लिए राहत उपायों की घोषणा होगी।
वसंतराव नाईक शेती स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री किशोर तिवारी ने कहा कि यह बजट मोदी सरकार के भारत बेचो अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि किसानों का असंतोष दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया, उल्टे उनके अंदर असंतोष का नया बीज बोया गया है। यह बजट पूरी तरह से अंबानी-अडानी को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बजट पेश किया है। कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले किसान परिवारोंम के लिए कुछ भी नहीं दिया।
जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट में समाज के सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा है। उन्होंने बजट में नागपुर मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण और नशिक मेट्रो के लिए राशि के प्रावधान का स्वागत किया है। पाटील ने कहा कि बजट में किसानों की सहायता और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर विचार किया गया है। ग्रामीण बुनियादी ढांचे के लिए 30,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कृषि के लिए ऋण सीमा को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपए कर दी गई है।
दूसरी ओर विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर की चुनौती को कैसे अवसर में बदला जाता है, यह हमें इस बजट ने दिखाया है। फडणवीस ने कहा कि लोग मानते थे कि बजट में आधारभूत ढांचे के लिए निधि का प्रावधान कम होगा लेकिन आधारभूत ढांचे के लिए 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक निधि का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में 31 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। शिवसेना के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि शिवसेना बजट के बारे में प्रतिक्रिया पहले से लिखकर रखती है। बजट कैसा भी पेश हो, प्रतिक्रिया वही रहती है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना को शायद यह पता नहीं होगा कि किसी राज्य से केंद्र को मिलने वाले टैक्स में से उस राज्य को कितना पैसा मिलेगा। इसका नियम अब केंद्र सरकार नहीं बनाती है बल्कि एक वित्त आयोग बनाता है। पहले यूपीए के शासनकाल में वित्त आयोग 31 प्रतिशत पैसा राज्य को देता था लेकिन एनडीए सरकार में 41 प्रतिशत पैसा मिला है। लेकिन शिवसेना इतनी पढ़ाई नहीं करती है। पार्टी को केवल जुमलेबाजी करना है।
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि बजट से महाराष्ट्र के हिस्से सबसे अधिक निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश का पेट भरता है, लेकिन उसी के पेट की ओर कोई नहीं देखता। राऊत ने कहा कि मैंने बजट में महाराष्ट्र को खोजने का प्रयास किया, लेकिन मुझे महाराष्ट्र कहीं नजर नहीं आया। राऊत ने कहा कि बजट में नागपुर और नाशिक मेट्रों के लिए निधि का प्रावधान किया गया है। मेट्रो के लिए निधि देकर सरकार ने बहुत बड़ी मेहरबानी की है क्या? नागपुर में मेट्रो की शुरुआत हो रही है, लेकिन नाशिक में मेट्रो की क्या जरूरत है यह देखना पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का बजट चुनावी घोषणा पत्र है। यह सरकारी संपत्ति को बेचने का संकल्प पत्र है। बजट से किसान, मजदूर, युवक, नौकरी पेशा और मध्यमवर्ग के लोगों को भी घोर निराशा हुई है। थोरात ने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई को बजट से कुछ नहीं मिला है। देश के विकास में सबसे अधिक योगदान और टैक्स देने वाले महाराष्ट्र से बदले की भावना की भूमिका फिर एक बार नजर आई है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि बजट में महाराष्ट्र के साथ अन्याय हुआ है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश की तिजोरी में सबसे अधिक राजस्व देने वाले महाराष्ट्र पर बजट में इस बार अन्याय हुआ है। महाराष्ट्र पर हुए अन्याय को दूर करने के लिए प्रदेश के सर्वदलीय सांसद केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात करें। राज्य की जनता के न्याय व अधिकारी हासिल करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बजट मंजूर होने के लिए महाराष्ट्र के सर्वदलीय सांसद आवश्यक संशोधन का सुझाव देकर इसे ठीक करें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्धा- यवतमाल-नांदेड़ रेलवे मार्ग, नाशिक-पुणे, कराड-चिपलुण रेलवे मार्ग के लिए बजट में प्रावधान कही नजर नहीं आ रहा है। बजट में मुंबई, पुणे समेत महाराष्ट्र के लिए कुछ भी पर्याप्त प्रावधान नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर के लिए 64 हजार रुपए का प्रावधान स्वागत योग्य है। यह प्रावधान बजट के पन्ने से प्रत्यक्ष साकार होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
Created On :   1 Feb 2021 7:41 PM IST