NIT को पुनर्जीवित करेगी महाविकास आघाड़ी सरकार

Mahavikas Aghadi government will revive NIT
NIT को पुनर्जीवित करेगी महाविकास आघाड़ी सरकार
NIT को पुनर्जीवित करेगी महाविकास आघाड़ी सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सरकार बदलते ही फैसलों को बदलना शुरू हो गया है। भाजपा सरकार ने NIT नागपुर सुधार प्रन्यास को बर्खास्त करने का फैसला लिया था, लेकिन उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाड़ी सरकार ने फैसले को बदलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए नासुप्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के नगर विकास विभाग के कार्यासन अधिकारी अशोक खांडेकर ने मनपा और एनआईटी को पत्र भेजकर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। नासुप्र को बर्खास्त करने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया था। उसके लिए यह झटका माना जा रहा है। 

1936 में की गई थी स्थापना
नागपुर सुधार प्रन्यास अधिनियम 1936 के तहत नागपुर में एनआईटी की स्थापना की गई। उस समय नागपुर में स्थानीय निकाय के रूप में नगर पालिका का अस्तित्व था। एनआईटी के रूप में शहर के विकास का दूसरा पहिया स्थापित किया गया। शहर की सीमा अंतर्गत तथा सरकार ने सीमा बढ़ाने पर दायरे में आने वाली जमीन का अधिग्रहण कर सुविधा उपलब्ध करने, विविध उपयोग के लिए भूखंड विभाजित कर वितरण करने की एनआईटी पर जिम्मेदारी दी थी। तत्कालीन मध्य प्रांत और वराड की राजधानी रहे नागपुर शहर का सर्वांगीण विकास तथा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने की दृष्टि से एनआईटी की स्थापना की गई थी।

राऊत ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
एनआईटी में जनप्रतिनिधि को सीमित प्रतिनिधित्व मिलने से आम जनता की समस्याओं के निपटारे में विलंब से नाराजगी के स्वर उठते रहे। देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री काल में एनआईटी बर्खास्त कर मनपा में विलीन करने का निर्णय लिया गया। फडणवीस सरकार की सत्ता जाने के बाद ठाकरे सरकार सत्ता में आई। नागपुर जिले के पालकमंत्री नितीन राऊत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शहर के विकास में एनआईटी का महत्वपूर्ण योगदान रहने से इसे पुनर्जीवित करने की मांग की। राऊत के पत्र पर नगर विकास विभाग ने मनपा और एनआईटी को पत्र भेजकर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। भाजपा ने इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाकर अपनी सरकार के निर्णय को पलटने के लिए राज्य की महाविकास आघाड़ी पर यह कदम उठाए जाने का आरोप लगाया है।

यह जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है : दटके
भाजपा शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके ने एनआईटी को पुनर्जीवित करने के सरकार के कदम का पत्र परिषद में तीव्र निषेध किया। उन्होंने कहा कि एनआईटी कांग्रेस के कार्यकाल में नेताओं के भ्रष्टाचार का अड्डा रहा है। सरकारी जमीन का कौड़ी के दाम में वारा-न्यारा किया गया है। एनआईटी में जनप्रतिनिधि को सीमित प्रतिनिधित्व रहने से आम नागरिकों की समस्याओं का निपटारा नहीं हो रहा था। इसलिए फडणवीस सरकार ने एनआईटी को बर्खास्त कर मनपा में विलीनीकरण किया। एनआईटी का मनपा में समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।

इस बीच पालकमंत्री नितीन राऊत ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर एनआईटी को पुनर्जीवित करने की मांग करना शहर की जनता का दुर्भाग्य है। नगर विकास विभाग ने मनपा और एनआईटी से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। पालकमंत्री तथा राज्य सरकार के इस निर्णय का तीव्र निषेध किया जाएगा। महापौर संदीप जोशी ने कहा कि उन्होंने मनपा आयुक्त को पत्र देकर रिपोर्ट मनपा की सर्वसाधारण सभा में रखने के बाद ही सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं। फाइल हस्तांतरण करने के लिए नासुप्र इच्छुक नहीं है। 1 लाख 99 हजार में से सिर्फ 5 हजार 700 फाइल महानगरपालिका को भेजी गई। भ्रष्टाचार का अड्‌डा बने नासुप्र को फडणवीस सरकार ने खत्म की थी। उसे फिर से जीवित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। 

Created On :   24 Jan 2020 4:45 AM GMT

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