महावितरण की गाज , एक झटके में 700 कर्मचारी बाहर, छोटे कर्मचारी मुसीबत में

Mahavitaran 700 workers out in one stroke, small employees in trouble
महावितरण की गाज , एक झटके में 700 कर्मचारी बाहर, छोटे कर्मचारी मुसीबत में
महावितरण की गाज , एक झटके में 700 कर्मचारी बाहर, छोटे कर्मचारी मुसीबत में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण ने शहर के तीन विभागों की बिजली व्यवस्था पुन: अपने हाथ में लेने के बाद सबसे पहला प्रहार ठेका पद्धति पर काम कर रहे कर्मचारियों पर किया है। एसएनडीएल के समय से ठेका पद्धति (वेंडर के) पर जो 11 सौ कर्मचारी कार्यरत थे, उनमें से अब लगभग 400 ही महावितरण में सेवा दे रहे हैं। बाकी 700  कर्मचारी फिलहाल बाहर हो गए हैं। महावितरण की तरफ से इन वेंडरों को नया वर्क आर्डर नहीं मिला है, जबकि ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ठेका पद्धति पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को एक साल तक काम पर रखने की घोषणा की थी। 

 घोषणा बेअसर
महावितरण ने 8 सितंबर की रात से महल, सिविल लाइन्स व गांधीबाग की बिजली व्यवस्था एसएनडीएल से अपने हाथ में ली। ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ठेका पद्धति पर कार्यरत कर्मचारियों को एक साल तक महावितरण में काम पर रखने की घोषणा की थी। इसके अलावा एसएनडीएल से सीधे जुड़े कर्मचारियों को ब्रेक देकर क्लास थ्री के पे स्केल प्लस 20 फीसदी पर रखने का वादा किया था। तीन विभागों का कामकाज संभाले अभी एक महीना भी नहीं हुआ और महावितरण का पहला प्रहार ठेका पद्धति पर कार्यरत छोटे कर्मचारियों पर हुआ। वेंडरों को नया वर्क आर्डर नहीं देने से एक झटके में 700 कर्मचारी बाहर हो गए। वेंडर भी अपने कर्मचारियों को यह बताने की स्थिति में नहीं है कि महावितरण से आगे काम मिलेगा या नहीं। केवल 400 कर्मचारी ही महावितरण में काम कर रहे हैं। 

सबसे कम वेतन  
प्रभावित कर्मचारी सबसे कम तनख्वाह पाने वाले हैं। वेंडर के माध्यम से इन्हें 8 हजार से 13 हजार तनख्वाह मिलती थी। कुछ कर्मचारी अभी भी इस उम्मीद में है कि महावितरण वेंडर के मार्फत पुन: काम पर लेगा।  

कर्मचारी खाली हो गए
वेंडर प्रकाश गजभिए, राहुल टिकले, वैभव कुमार ने बताया कि महावितरण ने नया वर्क आर्डर नहीं दिया। हमारे कर्मचारी खाली हो गए। कर्मचारियों को पुन: काम पर लेने की गुजारिश महावितरण से की गई है। अभी तक गुजारिश मानी नहीं गई। ठेका पद्धति पर काम करनेवाले 700 कर्मचारी बेकार हो गए हैं।  

जरूरत के अनुसार रखे जाएंगे 
काम की जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों को तैनात किया जाता है। बिजली व्यवस्था सुचारु रखने के लिए जितने लोगों की जरूरत होगी, उतने लोग जरूर रखे जाएंगे। वेंडरों ने कितने कर्मचारी रखे थे, यह हमारा काम नहीं, लेकिन हम काम के लोगों को रखेंगे। कितने कर्मचारी कम हुए, यह नहीं मालूम, लेकिन शासकीय पद्धति से काबिल लोगों को ही काम पर रखा जाएगा। 
-दिलीप घुगल, मुख्य अभियंता,  महावितरण नागपुर.

Created On :   27 Sept 2019 3:08 PM IST

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