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मक्का उत्पादक किसानों को होगा 132 करोड़ का नुकसान
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मक्का का रिकार्ड उत्पादन कर जिले को कॉर्न सिटी का तमगा दिलाने वाले किसानों के लिए अब मक्का फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है। इस साल जिले में मक्का का रकबा 2 लाख 59 हजार हेक्टेयर है और 11 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। यदि समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी नहीं होती है तो वर्तमान कीमतों के अनुसार किसानों को लगभग 132 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। जिले के किसान संगठन और राजनीतिक दल खरीफ सीजन की बोवनी के बाद से ही मक्का के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
मध्यप्रदेश में बीते छह साल में मक्का का रकबा लगभग दोगुना हो गया है। वर्ष 2015 में यह रकबा लगभग 7 लाख हेक्टेयर था जो अब 14 लाख हेक्टेयर के पार हो गया है। मक्का उत्पादक जिलों में छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, बैतूल, सिवनी मालवा, निमाड़, नरसिंहपुर सहित अन्य जिले शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा लगभग 16 प्रतिशत हिस्सेदारी छिंदवाड़ा जिले की है। छिंदवाड़ा की फसल पद्धति और वातावरण मक्का के अनुकूल होने के कारण यहां का उत्पादन अन्य जिलों से बेहतर है लेकिन समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों को सही आमदनी नहीं हो पाती है।
तीन साल नहीं हुई खरीदी
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 से प्रदेश में मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद कर दी। जिले में 2017 में मक्के का बंपर उत्पादन हुआ, इसके चलते पूरे देश में छिंदवाड़ा अव्वल। उसी साल छिंदवाड़ा को कॉर्न सिटी का दर्जा दिया गया और कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन किया गया। वर्ष 2018 में फसल पकने के बाद तीन माह तक मक्का की कीमत 22 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी, जनवरी 2019 में मक्का की कीमत 800 रुपए से 1200 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। बीते साल भी समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने के कारण मक्का के दाम समर्थन मूल्य से 200 रुपए क्विंटल पीछे रहे।
11 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन
जिले में मक्का का औसत लगभग 43 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इस हिसाब से इस साल भी किसानों को लगभग 11 लाख मीट्रिक टन मक्का उत्पादन का अनुमान है। जिले में मक्का की कटाई शुरू हो गई है कुछ जगह मक्का की आवक भी शुरू हो गई है। सोमवार को स्थानीय कुसमैली मंडी में 626 क्विंटल मक्का की आवक हुई है और न्यूनतम दाम 1605 रुपए और अधिकतम 1815 रुपए प्रति क्विंटल रहे। इस दिन मक्का के मॉडल भाव 1730 रहे जबकि मंगलवार को मॉडल रेट 1750 रुपए आए, मक्का का मूल्य 1870 रुपए प्रति क्विंटल है। दो दिन के माडल रेट के अनुसार आंकलन किया जाए तो समर्थन मूल्य के मुकाबले किसानों को प्रति टन लगभग 1200 रुपए का नुकसान होगा। इस लिहाज से जिले के किसानों को लगभग 132 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
क्या कहते हैं किसान-
जिले में किसानों के लिए फिलहाल मक्का ही मुख्य फसल है, सोयाबीन का उत्पादन सही नहीं हो रहा है। मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी होना चाहिए।
-संजू रघुवंशी, किसान
--तीन साल से किसानों को मक्का का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार को मक्का समर्थन मूल्य पर खरीदना चाहिए।
-उबैर्दुरहमान फारूखी, किसान घोराड़।
इनका कहना है
किसी भी फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का विषय राज्य सरकार का है। हम किसानों को बाजार की आवश्यकता के अनुसार फसलों के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आगामी सालों में इसके परिणाम अवश्य देखने मिलेंगे।
-जितेंद्र सिंह, उपसंचालक कृषि
Created On :   5 Oct 2021 10:14 PM IST