ऊर्जा संरक्षण के प्रति अंतिम कड़ी के उपभोक्ता को सजग बनाएं : राज्यपाल श्री पटेल

Make the consumer aware of the last link towards energy conservation: Governor Shri Patel
ऊर्जा संरक्षण के प्रति अंतिम कड़ी के उपभोक्ता को सजग बनाएं : राज्यपाल श्री पटेल
भोपाल ऊर्जा संरक्षण के प्रति अंतिम कड़ी के उपभोक्ता को सजग बनाएं : राज्यपाल श्री पटेल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ऊर्जा संरक्षण के प्रति अंतिम कड़ी के उपभोक्ता को सजग बनाया जाना चाहिए। उनके लिए जन-जागृति की गतिविधियाँ संचालित की जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों का आव्हान किया कि वह अपने परिजन को ईधन बचत की छोटी-छोटी सावधानियों के लिए सजग करें।

राज्यपाल श्री पटेल मॉडल स्कूल टी.टी. नगर में संरक्षण क्षमता महोत्सव, सक्षम 2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। आकाश में गुब्बारे छोड़े। इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक में पेट्रोलियम पदार्थों की बचत के लिए अपनाये जाने वाले उपायों एवं सरकार द्वारा हरित स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने और आज़ादी का महोत्सव सन्देश की प्रस्तुति दी गयी। महाप्रबंधक गेल श्री पी.एन. राय और उप-महाप्रबंधक बी.पी.सी.एल. श्री अतुल बेले भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आवक से अधिक उपयोग से दिक्कतें होना स्वाभाविक है। समझदारी इसमें है कि जितना उत्पादन हो, उतना ही उपयोग किया जाए। इसलिए पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में कमी के लिए उसके उपयोग में मितव्ययता ज़रूरी है। हर घर में होने वाले छोटे-छोटे दुरुपयोग को रोक कर बड़ी बचत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले कल का विकास ऊर्जा के सही प्रयोग और संरक्षण पर ही टिका है।

पेट्रोलियम उत्पाद अर्थ-व्यवस्था को सीधे प्रभावित करते हैं। इसलिए ऊर्जा के विभिन्न विकल्पों का सही प्रयोग आर्थिक कारणों के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग जैसी जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को नियंत्रित करने में भी जरूरी हैं। दूरदृष्टा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारी भावी पीढ़ी को सुखद, संरक्षित वातावरण की विरासत देने के लिए पंचामृत के द्वारा पाँच प्रतिबद्धताएँ तय की हैं। वर्ष 2030 तक देश की गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 150 गीगावाट से बढ़ाकर 500 गीगावाट तक पहुँचाने, नवकरणीय ऊर्जा से 50 प्रतिशत ऊर्जा माँग की पूर्ति कर, कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करते हुए अर्थ-व्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम कर वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जन-जागृति के कार्य उपभोक्ताओं के समूह के साथ जुड़ कर कड़ी मेहनत के साथ किये जाने चाहिए, क्योंकि परिश्रम से ही परिणाम मिलते हैं। राज्यपाल को स्मृति-चिन्ह भेंट किया गया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड, मध्यप्रदेश के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री दीपक कुमार बासु ने बताया कि संरक्षण क्षमता महोत्सव कृषि औद्योगिक क्षेत्रों, स्कूलों, घरों और परिवहन आदि विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के प्रयासों में भारत अग्रणी है। दुनिया का पहला देश है जो बी.एस.-4 से सीधे बी.एस.-6 में गया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कंप्रेस्ड गैस और कंप्रेस्ड बायोगैस के नेटवर्क द्वारा आत्म-निर्भरता के प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में उद्यमिता और रोज़गार के नए अवसर निर्मित होंगे। स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सक्षम महोत्सव मनाया जा रहा है। महाप्रबंधक श्री शरद कुमार बर्णवाल ने बताया कि देश में 412 हज़ार करोड़ रूपए का वार्षिक व्यय पेट्रोलियम पदार्थों पर होता है। उत्पादन की तुलना में मांग के निरंतर बढ़ने के दृष्टिगत ऊर्जा संरक्षण के प्रयास ज़रूरी हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान पद यात्रा, साइकिल, सी.एन.जी रैली, एल.पी.जी. गतिविधियाँ, किसान मेले और औद्योगिक गतिविधियों के द्वारा जन-जागृति के प्रयास किये जायेंगे। आभार प्रदर्शन पी.सी.आर.ए के एडिशनल डायरेक्टर श्री अनुपम श्रीवास्तव ने किया।

Created On :   11 April 2022 5:34 PM IST

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