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टैक्स प्रक्रिया हो आसान
डिजिटल डेस्क , पन्ना । शहर के व्यवसाई संजीव जैन ने बताया कि मौजूदा समय में जो टैक्स प्रक्रिया है उसे व्यापारी अच्छी तरह से समझ नहीं पाते हैं। जिनके पास आमदनी अधिक है वह प्रतिष्ठान में दक्ष एकांउटेंट रखते हैं लेकिन छोटे व्यापारी के पास अधिक आमदनी नहीं होती वह किसी अन्य कर्मचारी से काम करा सकें। इसीलिए टैक्स प्रक्रिया को इतना सरल किया जाये कि छोटे व्यापारी भी अच्छी तरह से समझ सकें। इसका फायदा छोटे व्यापारियों को होगा। कोविड की वजह से लंबे समय से लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। छोटे व मझौले व्यापारियों के लिए सरकार को बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए।
केन्द्रीय पेंशनर्स को बजट से बहुत उम्मीद नहीं हैं। पेंशनर्स रामकिशोर गुप्ता ने कहा कि पेंशनर्स को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है। मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए बजट में अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की जाती रही है। सभी पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन राशि एवं उनकी सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त भुगतान की गई राशि के ब्याज पर किसी प्रकार का आयकर न काटा जाये तो इससे पेंशनर्स को बहुत बडी राहत मिलेगी। सीनियर सिटीजन को पहले की तरह रेल यात्रा में जो छूट मिलती थी उसे फिर से शुरू किया जाये।
धारा ८० के तहत दी जाने वाले छूट सीमा बढाई जाये
इनकम टैक्स एक्सपर्ट एडवोकेट डॉ. नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि आयकर दाता में इस बजट में उम्मीद कर रहा है कि धारा ८० के तहत जो छूट की सीमा है उसे बढाया जाये। आखिरी बार वर्ष २०१४ में छूट की सीमा बढाई गई थी तब से अब तक मंहगाई काफी बढ चुकी है। बजट में ८० सी की छूट सीमा ०१ लाख ५० हजार से बढाकर ३० हजार की जानी चाहिए। क्योंकि ८० सी की छूट इन्सोरेंस, पीएफ, हाउस लोन रिपेमेण्ट, टयूशन फीस का व्यापक दायरा कव्हर करती है इसके साथ ही इन्श्योरेंस प्लान पचास हजार रूपए करने की जरूरत है। हाउस लोन इंटरेस्ट की सीमा ०२ लाख से बढाकर ०३ लाख से ०५ लाख के बीच की जानी चाहिए। वर्तमान में कोविड-१९ प्रभावित लोगों के लिए आयकर में ०१ लाख रूपए की विशेष छूट दी जा सकती है। आयकर की छूट की सीमा ०५ लाख से बढाकर ०६ से ०८ लाख रूपए के बीच किया जाना उचित है।
किचिन के बजट पर ध्यान दे सरकार
मंहगाई का सबसे अधिक बोझ किचिन के बजट पर हुआ है। गृहणी श्रीमती सीमा पाण्डेय ने कहा कि सरकार को रसोई के बजट पर ध्यान देना चाहिए दो वर्ष के अंतराल में किराना सामग्री दोगुनी हो चुकी है। गैस सिलेण्डर की कीमत ९०० के पार हो चुकी है। इसका असर यह है कि महिलायें पूर्व में जो बचत कर लेती थी अब कुछ भी नहीं बचा पा रहीं हैं। सब्जियों और फलों के दाम बढ चुके हैं।
युवाओं को मिले रोजगार
युवा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनोंदिन रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। बेरोजगारी बडी समस्या बनती जा रही है। सरकारी सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी घट गए हैं। कोविड की वजह से निजी क्षेत्रों में भी रोजगार घटे हैं तथा कई लोगों को नौकरियां गंवानी पडी हैं। बजट में सरकार को बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिल सके इस पर फोकस करते हुए प्रावधान करने चाहिए। जिससे बेरोजगारी की वजह से मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं को राहत मिले।केन्द्रीय पेंशनर्स को बजट से बहुत उम्मीद नहीं हैं। पेंशनर्स रामकिशोर गुप्ता ने कहा कि पेंशनर्स को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है। मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए बजट में अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की जाती रही है। सभी पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन राशि एवं उनकी सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त भुगतान की गई राशि के ब्याज पर किसी प्रकार का आयकर न काटा जाये तो इससे पेंशनर्स को बहुत बडी राहत मिलेगी। सीनियर सिटीजन को पहले की तरह रेल यात्रा में जो छूट मिलती थी उसे फिर से शुरू किया जाये।
किचिन के बजट पर ध्यान दे सरकार
मंहगाई का सबसे अधिक बोझ किचिन के बजट पर हुआ है। गृहणी श्रीमती सीमा पाण्डेय ने कहा कि सरकार को रसोई के बजट पर ध्यान देना चाहिए दो वर्ष के अंतराल में किराना सामग्री दोगुनी हो चुकी है। गैस सिलेण्डर की कीमत ९०० के पार हो चुकी है। इसका असर यह है कि महिलायें पूर्व में जो बचत कर लेती थी अब कुछ भी नहीं बचा पा रहीं हैं। सब्जियों और फलों के दाम बढ चुके हैं।
युवाओं को मिले रोजगार
युवा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनोंदिन रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। बेरोजगारी बडी समस्या बनती जा रही है। सरकारी सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी घट गए हैं। कोविड की वजह से निजी क्षेत्रों में भी रोजगार घटे हैं तथा कई लोगों को नौकरियां गंवानी पडी हैं। बजट में सरकार को बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिल सके इस पर फोकस करते हुए प्रावधान करने चाहिए। जिससे बेरोजगारी की वजह से मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं को राहत मिले।
Created On :   1 Feb 2022 12:24 PM IST