बाघ शावकों केलिए  मां की भूमिका निभा रहा नर बाघ

Male tiger playing the role of mother for tiger cubs
बाघ शावकों केलिए  मां की भूमिका निभा रहा नर बाघ
बाघ शावकों केलिए  मां की भूमिका निभा रहा नर बाघ

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना टाइगर रिज़र्व में अनाथ हुए चार शावकों का पिता नर बाघ मां की भूमिका निभा रहा है। पिछले दिनों बाघिन की हुई असमय मौत के बाद अनाथ हुए चार शावक को उसका पिता नर बाघ इन दिनों मां की भूमिका निभाते हुए देखा गया। पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा के अनुसार बाघिन पी 213.32 की विगत 15 मई को असमय मौत होने पर उसके चार नन्हें शावक अनाथ हो गए थे। लेकिन चमत्कार जंगल में बाघिन की मौत होने के बाद इन अनाथ शावकों का पिता नर बाघ पी243 मां की भूमिका निभा रहा है। पन्ना टाईगर रिजर्व में अपनी तरह का यह पहला ऐसा मामला हैए जिसमें मां की असमय मौत होने पर चार नन्हें शावक अनाथ हुए हैं। लेकिन नर बाघ इन शावकों का सहारा बन गया है। श्री शर्मा के अनुसार जंगल की इस अनोखी घटना को देखकर पार्क प्रबंधन ने अनाथ शावकों को जंगल में ही रखने का निर्णय लिया। नर बाघ पी 243 का व्यवहार अनाथ शावकों के प्रति अच्छा बना हुआ है। विगत 21.22 मई को बाघ पी243 ने सांभर का शिकार वहीं पर किया जहां शावक रहते हैं। बाघ द्वारा शिकार किए गए इस सांभर के मांस को शावकों ने भी खाया। उम्मीद जगाने और उत्साह से भरने वाले यह द्दश्य कैमरा ट्रैप में भी कैद हुए हैं।
 निगरानी करने वाले हाथियों के दल ने भी किल के पास नर बाघ व चारों शावकों को आराम करते देखा है, जिनकी वीडियो बनाने के साथ फोटो भी ली गई है। इससे साफ संकेत मिलता है कि बाघ पी 243 न सिर्फ शावकों की देखरेख कर रहा है, अपितु अपना शिकार भी उनके साथ बांटकर खाता है। श्री शर्मा ने बताया कि कम उम्र के इन शावकों को कॉलर करने में कुछ तकनीकी रुकावटें हैं। सभी शावक एक साथ रहते हैं तथा बाघ पी.243 भी उनके आसपास ही विचरण करता है। इन परिस्थितियों में किसी शावक को अलग करना कठिन है। इसके अलावा शावक अभी छोटे हैं तथा उनका विकास तेजी से हो रहा है। ऐसी स्थिति में रेडियो कॉलर करने पर दो.चार माह के भीतर गर्दन का आकार बढऩे पर रेडियो कॉलर निकालना जरूरी हो जाएगा। इन सब कठिनाइयों को देखते हुए फिलहाल शावकों को रेडियो कॉलर पहनाना स्थगित कर दिया गया है। श्री शर्मा का कहना है कि अभी तक सब कुछ अनुकूल रहा है। शावकों को खुले जंगल में स्वाभाविक जिंदगी जीने के लिए पार्क प्रबंधन को किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना पड़ा। आने वाले समय में शावकों को खुले जंगल में रखना पार्क प्रबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। जिससे निपटने की रणनीति बनाकर सजगता से कार्य करना होगा।
 

Created On :   1 Jun 2021 4:20 PM IST

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