महाराष्ट्र में कम हुए कुपोषण के मामले, नंदुरबार में हैं सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे   

Malnutrition cases reduced in Maharashtra, children suffering the most in Nandurbar
महाराष्ट्र में कम हुए कुपोषण के मामले, नंदुरबार में हैं सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे   
विधानसभा महाराष्ट्र में कम हुए कुपोषण के मामले, नंदुरबार में हैं सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे   

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों भागों में साल 2020 के मुकाबले 2021 में बच्चों के बीच कुपोषण कम हुआ है। दिसंबर 2020 में ग्रामीण इलाकों में 73 हजार 12 कुपोषित बच्चे थे। दिसंबर 2021 में इनकी संख्या घटकर 69 हजार 312 हो गई। वहीं शहरी इलाकों में साल 2020 में 16 हजार 139 कुपोषित बच्चे थे जो साल 2021 में घटकर 12 हजार 592 हो गए। राज्य में सबसे ज्यादा 9308 कुपोषित बच्चे नंदुरबार जिले में हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी 3258 कुपोषित बच्चे पाए गए हैं। विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने खुलासा किया है कि ग्रामीण इलाकों में साल 2020 के दिसंबर में 49  लाख 74 हजार 383 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें से 45 लाख 12 हजार 736 बच्चों का वजन सामान्य पाया गया। लेकिन 3 लाख 88 हजार 635 बच्चों का वजन सामान्य से कम था जबकि 73 हजार 12 बच्चों का वजन बेहद कम था। दिसंबर 2021 में 49 लाख 14 हजार 395 बच्चों का वजन करने पर इनमें से 44 लाख 93 हजार 139 सामान्य वजन के मिले जबकि 3 लाख 51 हजार 944 बच्चों का वजन कुछ कम और 69 हजाप 312 बच्चों  का वजन बेहद कम था। इसी तरह शहरी इलाकों में दिसंबर 2020 में 11 लाख 5 हजार 794 बच्चों को वजन करने पर उनमें से 9 लाख 52 हजार 342 का वजन सामान्य, 1 लाख 37 हजार 313 का वजन कम और 16 हजार 139 का वजन बेहद कम मिला। दिसंबर 2021 में वजन किए गए 12 लाख 46 हजार 630 बच्चों में से 11 लाख 29 हजार 671 सामान्य वजन के, 1 लाख 4 हजार 367 कम वजन के और 12 हजार 592 बेहद कम वजन के मिले। भाजपा के मंगलप्रभात लोढा, देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील, सुधीर मुनगंटीवार आदि सदस्यों के राज्य के शहरी इलाकों में कुपोषण से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि कुपोषण रोकने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषित बच्चों को पौष्टिक खाद्य पदार्थ और दवाएं दी जा रहीं हैं। आदिवासी इलाकों में अमृत आहार योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एक वक्त का पौष्टिक आहार दिया जाता है। इसके अलावा 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में 4 अंडे, शाकाहारी बच्चों को रोजाना दो केले दिए जाते हैं।  

कहां कितना कुपोषण
जिला        कुल बच्चे      सामान्य     कम वजन   कुपोषित  

अमरावती   305196     287068     15842       2286
भंडारा        73531       68300        4390        841
गोंदिया       89833       80705       7391        1737
नंदूरबार     134498      92117       33073      9308
गडचिरोली  82331        64477      14058       3826
मुंबई         330904      371022     19136      2308

शहरी इलाकों में कुपोषण
साल        कुल बच्चे      समान्य     कम वजन      कुपोषित  

2020     1105794     952342   137313        16139
2021      1246630    1129671  104367        12592

ग्रामीण इलाकों में कुपोषण
साल        कुल बच्चे      समान्य     कम वजन      कुपोषित

2020     4974383    4512736   388635     73012
2021     4914395    4493139  351944      69312
 

Created On :   9 March 2022 8:02 PM IST

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