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सहकारी संस्थाओं में गबन के लिए प्रबंधक व अध्यक्ष होंगे जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। सहकारी संस्थाओं में गबन की स्थिति में समिति प्रबंधक के साथ-साथ अब से अध्यक्ष को भी जिम्मेदार माना जायेगा। न सिर्फ जिम्मेदार माना जायेगा बल्कि इनके भी विरूद्ध कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। यह निर्देश कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सहकारी संस्थाओं की बैठक में कलेक्टर अनुराग चौधरी ने दिये। बैठक में सहकारी समितियों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर सहकारी संस्थाओं में होने वाले गबन व धोखाधड़ी की समीक्षा कर रहे थे। कलेक्टर ने यह भी निर्देष दिये कि किसी सहकारी संस्था में फर्जी ऋ ण वितरण या गबन का कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के समिति प्रबंधक के साथ-साथ समिति के अध्यक्ष भी दोषी माने जायेंगे। इनके विरूद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक विनीत जैन, उप आयुक्त सहकारिता पीके मिश्रा सहित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी एवं नोडल अधिकारी सीसीबी सीधी सहित जिला के सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान सहकारी उपायुक्त के द्वारा कार्यालय में लम्बित गबन एवं धोखाधड़ी की जानकारी के साथ-साथ की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी दी गयी।
बड़े प्रकरणों में पहले दर्ज करायें एफआईआर
कलेक्टर ने सहकारिता उपायुक्त को निर्देश दिये कि वैसे तो सहकारी समितियों में तमाम घपले और गबन हुए हैं। जांच और कार्रवाई तो सभी में करनी है लेकिन बड़ी राशि वाले घोटालों की जांच पहले करायी जाये और दोषियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी जाये। ज्ञात हो कि जिले की महुआ गांव व निवास सेवा समिति में क्रमश: 59 लाख और 54 लाख का गबन किया गया है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पहले इनके दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायें, जिससे इनको दंडित किया जा सके। इससे पूर्व में पराई सेवा समिति में भी बड़ा घोटाला प्रकाश में आया था। समिति ने 100 ट्रैक्टरों के लिये ऋण पास किया था। जांच के बाद करीब 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। सभी आरोपी हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं।
जिले में सैकड़ों गबन और घोटाले
कलेक्टर ने कहाकि सहकारी समितियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जाता है, इसीलिये एक भी समिति आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं हो पाती। जब अध्यक्ष को भी जिम्मेदार बनाया जायेगा, तभी इनमें भ्रष्टाचार रूकेगा। सूत्रों के अनुसार जिले की सहकारी समितियों में सैकड़ों की तादात में छोटे बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच चल रही है। अरे फर्जी ऋण पुस्तिका पर टै्रक्टर के लिये लोन दे दिया गया, जब किस्त नहीं आयी तो जांच हुई, जांच में पता चला कि ऋण पुस्तिका तो फर्जी है। यह मामला वैढऩ सेवा समिति का है।
Created On :   2 Feb 2018 5:15 PM IST