नक्सलीयों का शरण स्थली बना मंडला, अभ्यारण में पर्यटन प्रभावित 

Mandla make shelter for the naxalites, tourism affected in sanctuary
नक्सलीयों का शरण स्थली बना मंडला, अभ्यारण में पर्यटन प्रभावित 
नक्सलीयों का शरण स्थली बना मंडला, अभ्यारण में पर्यटन प्रभावित 

डिजिटल डेस्क, मंडला। 31 मई की रात को मंडला के मोतीनाला वन परिक्षेत्र के नेवसा में तेंदुपत्ता फड़ को आग के हवाले करने के साथ से यह साफ हो गया है कि नक्सलीयो ने अपनी घुसपैठ बढ़ा दी है। इतना ही नहीं पर्चे में जिस केबी डीवीजन का जिक्र हो रहा है वह कवर्धा बालाघाट या कान्हा भोरमदेह के नाम से जाना जाता है। जो प्रदेश के तीन जिलो बालाघाट,मंडला और डिंडौरी में अपना मजबूत ठिकाना बनाने गतिविधि तेज कर रहा है। मंडला नक्सलीयों की शरणस्थली बन चुका है। यही वजह है कि गत वर्ष मंडला को केन्द्र ने नक्सल प्रभावितो की सूची में डाला है। नक्सली गतिविधियों के प्रभाव से फेंन अभ्यारण में पर्यटको की आमद कम हो गई।

बताया गया है कि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा से लगे मोतीनाला क्षेत्र में इन दिनो नक्सलीयों ने दहशत फैला रखी है। थाना से महज आठ किलो मीटर नक्सलियों ने तेंदुपत्ता फड़ को आग लगाकर स्वाहा कर दिया। यहां एक लाल स्याही का परचा लटकाया दिया। इसके अलावा एक और परचा सामने आया है जिसमें नीमपानी नाका के कर्मचारीयों को पुरानी घटना से दहशत में नहीं रहने की बात लिखी गई और दो काम करने को कहा गया। भारत कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी बोड़ला एरिया कमेटी केबी डिविजन के नाम से चार जोड़ी डे्रस,दो जोड़ी और 50 किलो चावल बाजार के घर में छोड़ देने की बात कही गई। इसके अलावा फोर्स वालो से दूर रहने की हिदायत दी गई। इन गतिविधियों से वन कर्मचारीयों के साथ ग्रामीणों में दहशत है। वन विभाग के कर्मचारी कुछ  भी बोलने को तैयार नहीं है, वहीं ग्रामीण जिक्र भी नहीं करना चाहते है हलांकि गतिविधियों को लेकर पुलिस व हॉक फोर्स के जवान बिछिया व मोतीनाला क्षेत्र में डेरा डाले है। लगातार सर्चिंग जारी रहने के साथ अलर्ट भी है।

फेंन अभ्यारण पर्यटन बंद

कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में करीब 110.74 वर्ग किलोमीटर तक फैले फेंन अभ्यारण में बाघ तेंदुआ, साभर चीतल हिरण के साथ अन्य वन्यप्राणी है। जिसमें प्रबंधन पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। पर्यटको के लिए व्हीकल के साथ ब्रेकफास्ट और ठहरने की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन पिछले दिनो नक्सली गतिविधियों और बड़ी वारदात के बाद अभ्यारण के घुर्री गेट में पर्यटको की आमद मई और जून में जीरो हो गई। सूत्रों ने बताया है कि प्रशासनिक तौर पर अभ्यारण खुला है लेकिन वहां तैनात वन कर्मी टूरिस्ट वाहनो को अंदर नहीं जाने दे रहे है। अप्रैल के बाद यहां सिर्फ एक वाहन प्रवेश किया। इसके बाद से आज दिनांक कोई भी टूस्रिट वाहन प्रवेश नहीं हुआ।

सामने आई ये घटनाएं  

नक्सलियों ने मंडला में पैठ बढ़ाने 90 के दशक में भी प्रयास किए थे,लेकिन कोई बड़ी वारदात नहीं की थी। उस समय एसएएफ की बटालियन तैनात करना पड़ा, जिससे मवई मोतीनाला में इनकी सक्रियता कम हो गई थी लेकिन पिछले चार सालो से फिर से घुसपैठ तेज हो गई, जिस केबी संगठन का नाम सामने आ रहा है,उसके द्वारा 12 फरवरी 2018 को नीमपानी बीट में वन चौकी में वनकर्मियों को बंधक बनाकर तीन वायरलेस सेट, मोबाइल व कैमरा लूट ले गए थे। एक मार्च को होली की रात को फैन अभ्यारण्य के लतावर दादर के अस्थाई कैंप में आग लगा दी। ये वारदाते सामने आई थी इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान मवई क्षेत्र में मतदान नहीं करने के परर्चे का जिक्र भी सामने आता है।

इनका कहना है

फैंन अभ्यारण पर्यटन के लिए प्रयास किए जा रहे है,हाल के दो माह में तापमान बढ़ा है जिससे पर्यटन नहीं पहुंच पाए। नक्सल मूवमेंट इसकी वजह नहीं। गतिविधियों को रोकने पुलिस फोर्स अपना काम कर रही है। केएल कृष्णमूर्ति, फील्ड डायरेक्टर कान्हा

नेवसा जो घटना हुई इसके बाद अलर्ट में है,लगातार बालाघाट मंडला में सर्चिग कर रहे है, नक्सली गतिविधि को रोकने के लिए अलर्ट मोड में काम कर रहे है। रविशंकर डेहरिया,डीआईजी बालाघाट जोन 
 

Created On :   15 Jun 2019 7:55 AM GMT

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