मंडला: प्रोजेक्ट नई उड़ान रेमेडियल कक्षाओं में विद्यार्थियों के खिले चेहरे

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मंडला: प्रोजेक्ट नई उड़ान रेमेडियल कक्षाओं में विद्यार्थियों के खिले चेहरे

डिजिटल डेस्क, मंडला। मंडला जिले के विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के उद्देश्य से कलेक्टर हर्षिका सिंह द्वारा प्रोजेक्ट नई उड़ान आरम्भ का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी एवं जेईई व नीट की ऑनलाइन कोचिंग प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों की शैक्षिक शंकाओं के समाधान हेतु रेमेडियल कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। विगत दिवस उत्कृष्ट विद्यालय बिछिया में रेमेडियल कक्षाएं लगाई गईं। इन कक्षाओं में जिले के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की शैक्षिक समस्याओं का समाधान किया गया। एपीसी रमसा मुकेश पांडेय ने विद्यार्थियों को निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार अध्ययन करने के साथ-साथ समय प्रबंधन की विधियों व कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश दिए। सुभाषचंद चतुर्वेदी ने छात्रों को विद्युत चुम्बकीय तरंगों के गुणधर्म के बारे में बताते हुए संबंधित संख्यात्मक प्रश्नों को हल कराया। डॉ. शेषमणी गौतम ने पशुओं में प्रजनन एवं आनुवांशिकी से संबंधित अवधारणाओं को स्पष्ट किया। बी.के. चौरसिया ने द्विपद प्रमेय और प्रतिलोम त्रिकोणमितीय अनुपात से संबंधित प्रश्नों का अभ्यास छात्रों को कराते हुए परीक्षा में इन्हें हल करने की तकनीक को समझाया। सोमशंकर पांडेय ने रसायन विज्ञान के अंतर्गत पी ब्लॉक के तत्वों के बारे में आधारभूत जानकारी को साझा किया। शक्ति पटेल ने हिंदी में संधि के नियमों, पत्र लेखन और छंदों के बारे में छात्रों को विस्तार से समझाया। उन्होंने जीवन कौशल शिक्षा के अंतर्गत स्मृतिवर्धन की नेमोनिक तकनीक और तनाव व समय प्रबंधन की विधियों के बारे में भी विस्तार से समझाया। कार्बनिक यौगिक की अवधारणाओं को गिरजा शंकर बघेल के द्वारा स्पष्ट किया गया। कार्यक्रम में एपीसी रमसा मुकेश पांडेय, प्राचार्य अरुणा दीक्षित, उत्कृष्ट, मॉडल स्कूल बिछिया, कन्या उमावि व कन्या उमावि बिछिया, उमावि सिझौरा, हाईस्कूल खलौड़ी के विषय शिक्षक तथा कक्षा 10 वीं के कुल 137 और 12 वीं के 73 विद्यार्थी उपस्थित थे। रेमेडियल कक्षाओं के दौरान छात्रों के चेहरे खिल उठे। कोविड-19 के संक्रमण के कारण लंबे समय विद्यार्थियों का स्कूल आना संभव नहीं हुआ। लंबे समय के बाद विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों से सीधे संवाद का अवसर इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी विषय संबंधी समस्याओं को शिक्षकों से साझा किया। शिक्षकों ने सभी छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हुए तनावमुक्त होकर अध्ययन करने की बात उनसे कही। छात्रों ने उपस्थित शिक्षकों से उनके विद्यालयों में भी उपस्थित होकर अध्यापन कराने हेतु निवेदन किया।

Created On :   26 Dec 2020 2:32 PM IST

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