नागपुर खंडपीठ में बदलेगा कामकाज का तरीका, जजों की नई सिटिंग हुई तय

Manner of functioning will change in Nagpur Bench, new seating of judges decided
नागपुर खंडपीठ में बदलेगा कामकाज का तरीका, जजों की नई सिटिंग हुई तय
नागपुर खंडपीठ में बदलेगा कामकाज का तरीका, जजों की नई सिटिंग हुई तय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ने के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने भी इसके अनुसार कामकाज के तरीके में बदलाव किया है। नागपुर खंडपीठ को लेकर भी हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। हाईकोर्ट ने 5 मई तक जजों की सीटिंग तैयार की है, जो तय दिन दोपहर 12 से 2 बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग से केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई लेंगे। जिसके अनुसार 20 और 23 अप्रैल को न्या. नितीन सांबरे दिवानी और न्या. विनय जोशी फौजदारी मामलों की सुनवाई करेंगे। 27 और 30 अप्रैल को न्या. मनीष पितले दिवानी और न्या. मुरलीधर गिरटकर फौजदारी मामलों की सुनवाई करेंगे। इसी तरह 5 मई को न्या. अनिल किल्लोर दिवानी और न्या. एस.एम.मोडक फौजदारी मामलों की सुनवाई करेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल होने वाले वकीलों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। वकीलों को जीआरएएस सिस्टम के जरिए कोर्ट फीस भरनी होगी। जूम एप पर वकीलों को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। वकील अपने लैपटॉप या स्मार्ट फोन के जरिए इससे जुड़ सकते हैं।

सुनवाई की रिकार्डिंग प्रतिबंधित

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली सुनवाई में वीडियो रिकॉर्डिंग पूरी तरह प्रतिबंधित की गई है। वकील के नाम पर लैपटॉप या स्मार्टफोन जिससे भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल हो रहे हों, उन्हें चिन्हित किया जाएगा। गाइडलाइन में अनिवार्य इंटरनेट स्पीड 2 एमबी/सेकंड और अन्य तकनीकी पहलुओं का जिक्र भी किया गया है। सुनवाई के दौरान कोई भी दखलअंदाजी या गलत बर्ताव पर संबंधित व्यक्ति को सुनवाई से निकाल देने की भी चेतावनी दी गई है। जिन वकीलों या पक्षकारों के पास वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा नहीं है। उनके लिए कोर्ट परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिंग यूनिट स्थापित की गई है।

आखिरकार न्या. हक का नागपुर खंडपीठ में तबादला

न्या. जेड.ए.हक का फिर एक बार नागपुर खंडपीठ में तबादला किया गया है। डेढ़ माह पूर्व बॉम्बे हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति ने उन्हें औरंगाबाद खंडपीठ में स्थानांतरित कर दिया था। उनका मुख्यालय नागपुर था। तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग ने जब उन्हें स्थानांतरित करने का फैसला लिया, तो नागपुर विधि वर्ग की ओर से इसका विरोध हुआ। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने तत्काल आमसभा बुलाकर न्या. हक के स्थानांतरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। वकीलों ने सफेद पट्टी लगाकर काम किया और विरोध दर्शाया था। औरंगाबाद स्थानांतरण के करीब डेढ़ माह बाद वर्तमान मुख्य न्यायमूर्ति भूषण धर्माधिकारी ने न्या. हक को नागपुर खंडपीठ वापस स्थानांतरित किया है।
 

Created On :   16 April 2020 1:33 PM IST

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