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कचरा कंपोस्टिंग की जांच करेगी मनपा की टीम, निरीक्षण में सामने आई थी खामियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कचरे पर पुनर्प्रक्रिया कर कंपोस्टिंग करने वाले हंजर बायोटेक के काम को लेकर महापौर ने जांच के निर्देश दिए थे। आयुक्त ने इस संबंध में जांच समिति गठित की थी। इस अनुसार समिति ने हंजर बायोटेक कंपनी की जांच शुरू कर दी है। एड. धर्मपाल मेश्राम की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति ने भांडेवाड़ी स्थित हंजर बायोटेक कंपनी के प्रकल्प का निरीक्षण किया।
समिति ने कंपोस्टिंग प्रक्रिया व मशीनरी की जानकारी ली। इस दौरान विभागीय स्वास्थ्य निरीक्षक व नियंत्रक रोहिदास राठोड ने हंजर को मनपा द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कचरे का रिकार्ड उपलब्ध कराया, लेकिन हंजर की रिकार्ड में प्रक्रिया करने वाले कचरे के दर्ज आंकड़ों में भारी अंतर दिखा। इस अनुसार हंजर द्वारा लगाई गई मशीनरी कार्यक्षम व सुधारित नहीं होने का निरीक्षण दौरे में खुलासा हुआ। इसे लेकर अधिकारियों से सवाल-जवाब किए गए। हंजर कंपनी की ओर से 12.50 करोड़ रुपए से कौन से विकास काम किए गए? टिपिंग फीस पर दी गई रकम का हिसाब और कौन सी मशीनरी लगाई गई, उसकी कीमत कितनी थी, सवाल करने पर उपअभियंता दुपारे जवाब नहीं दे सके।
12 वर्ष का कार्यादेश
मनप ने कचरे पर पुन: प्रक्रिया कर उससे कंपोस्टिंग तैयार करने के लिए हंजर बायोटेक की नियुक्ति 15 अप्रैल 2009 में की थी। इस संबंध में 12 वर्ष का कार्यादेश दिया गया था। करार अनुसार हंजर को प्रति दिन 600 मीट्रिक टन कचरे पर प्रक्रिया करना अपेक्षित था। हंजर को यह प्रकल्प बीओटी तत्व पर दिया गया था। हंजर द्वारा भांडेवाड़ी स्थित कचरे पर पुन: उपयोग कर उससे कंपोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है। कुछ साल पहले इस प्रकल्प को आग लगी थी।
जांच समिति के अध्यक्ष एड. मेश्राम ने सभागृह में सवाल किया था कि यह आग लगी है या लगाई गई। इस प्रकरण में अधीक्षक अभियंता श्वेता बैनर्जी, उप अभियंता राजेश दुपारे ने अपना निवेदन लिखित में समिति के सामने पेश किया है। जांच समिति ने हंजर को कार्यादेश देने के बाद से मनपा के संबंधित अधिकारी, तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिलिंद गणवीर, अधीक्षक अभियंता प्रकाश उराडे, कार्यकारी अभियंता डी.डी. जांभुलकर, अनिरुद्ध चौगंजकर, श्याम चव्हाण सहित हंजर कंपनी के संचालक को अपना पक्ष रखने तलब किया था। सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई।
सुनवाई में विभागीय स्वास्थ्य निरीक्षक व नियंत्रक रोहिदास राठोड ने हंजर को उपलब्ध कराए जाने वाले कचरा व स्थानीय स्थिति सहित हंजर बायोटेक प्रकल्प के व्यवस्थापक राजेश तिवारी ने प्रकल्प के जरिए तैयार किए जाने वाले कंपोस्टिंग व उपलब्ध मशीनरी बाबत मौखिक निवेदन समिति के सामने दिया।
अगली सुनवाई 2 जनवरी को
विधि अधिकारी व्यंकटेश कपले ने बताया कि अगली सुनवाई 2 जनवरी को दोपहर 3 बजे विधि समिति सभापति के कक्ष में होगी। सुनवाई के दौरान अधिकारियों को संपूर्ण रिकार्ड और कागजातों के साथ पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। समिति के अध्यक्ष एड. मेश्राम ने कहा कि सुनवाई के बाद अंतिम रिपोर्ट बंद लिफाफे में सभागृह के सामने रखी जाएगी। इस प्रकरण में दोषी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। समिति में एड. मेश्राम के अलावा जयश्री वाडीभस्मे, उपायुक्त निर्भय जैन, सहायक आयुक्त महेश धामेचा, विधि अधिकारी एड. व्यंकटेश कपले हैं।
Created On :   24 Dec 2019 2:23 PM IST