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तापमान में दो-ढाई सेल्सियस की बढ़ोतरी से समुद्र में डूब जाएंगे कई इलाके
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलवायु परिवर्तन का महाराष्ट्र में कितना गंभीर परिणाम होगा बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल को इसकी जानकारी दी गई। संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने जलवायु परिवर्तन को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की है उसी के आधार पर राज्य के पर्यावरण एवं जलवायु विभाग ने मंत्रिमंडल को आने वाले समय ने पैदा होने वाले खतरों से आगाह किया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की। इस दौरान राज्य में जलवायु परिवर्तन परिषद के गठन का फैसला किया गया इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार उपाध्यक्ष होंगे। जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पांच आर यानी रिड्यूस, रिफ्यूज, रियूज, रिसाइकल और रिकवर पर जोर दिया है।
इसी के मुताबिक राज्य में भी कदम उठाए जाएंगे। बैठक में बताया गया कि महाराष्ट्र उष्ण कटिबंध प्रदेशों में शामिल है इसलिए तापमान में दो से ढाई डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के चलते भी राज्य के समुद्री किनारों पर स्थित कई इलाके पानी में डूब जाएंगे। साथ ही मध्य महाराष्ट्र में भीषण अकाल के साथ जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आएंगी। आईपीसीसी की रिपोर्ट में समुद्री किनारों पर बसे भारत के 12 शहरों के डूबने की आशंका जताई गई है। इसके अलावा अर्बन हिट आयलैंड इफेक्ट और भूस्खलन की भी समस्या सामने आएगी। इसलिए समयबद्ध तरीके से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रारूप तैयार करने और सभी संबंधित मंत्रियों को इससे जोड़ने का सुझाव भी दिया गया।
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है, जिसे जलवायु परिवर्तन के विज्ञान का आकलन करने के लिए 1988 में स्थापित किया गया था।IPCC सरकारों को वैश्विक तापमान बढ़ने को लेकर वैज्ञानिक जानकारियां मुहैया कराती है ताकि वे उसके हिसाब से अपनी नीतियां विकसित कर सकें>
Created On :   1 Sept 2021 9:17 PM IST