मानसून सत्र की तैयारी में सामने आ रही खामियां, 4 जुलाई से होना है शरू

Many flaws are found in the preparation for July monsoon session
मानसून सत्र की तैयारी में सामने आ रही खामियां, 4 जुलाई से होना है शरू
मानसून सत्र की तैयारी में सामने आ रही खामियां, 4 जुलाई से होना है शरू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र 4 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। अधिवेशन के लिए एक सप्ताह रह गया है, लेकिन तैयारी में ढेरों खामियां सामने आ रही है। जुलाई माह में विदर्भ में भारी बारिश और आंधी की स्थिति को देखते हुए प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। राज्य भर से आने वाले विधायकों, कर्मचारी एवं पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए इंतजामों की कई स्तर पर समीक्षा भी की गई है।

जनप्रतिनिधियों, पुलिसकर्मियों और नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर विधानमंडल के अलावा निवासों और कार्यालय परिसरों में वाटरप्रूफ शामियानों को लगाया जाना है। इन शामियानों को लगाने के लिए प्रशासन ने टेंडर प्रक्रिया कर जिम्मेदारी भी सौंप दी है, लेकिन शामियाानों के सुरक्षा इंतजामों को लेकर खुद प्रशासन ही गैरजिम्मेदार बना हुआ है।

वाटरप्रूफ शामियानों को लगाने के कामों में ठेका एजेंसी और प्रशासन के अधिकारी नियमों और सुरक्षा की अनदेखी कर रहे हैं। नियमों के तहत शामियानों को मजबूत बल्लियों के सहारे बांसों के ढांचे पर खड़ा करना है, लेकिन कम खर्च में काम को जल्द से जल्द पूरा करने की जुगत में नियमों को ताक पर रख दिया गया है। विधानमंडल, रविभवन, नागभवन, एमएलए होस्टल, हैदराबाद हाऊस परिसर में सभी शामियानों को बांसों और लोहे की फ्रेम के सहारे खड़ा कर दिया गया है। इतना ही नहीं शामियाने को मजबूती देने के लिए जमीन के भीतर कम से कम दो से ढाई फीट खुदाई करनी होती है, फिर उस गड्‌ढे में लोहे की राड डालनी होती है। इस लोहे की राड के सहारे बल्ली को मजबूती प्रदान की जाती है।

वहीं दूसरी ओर लंबे और बड़े दायरे वाले शामियानों में बेहद कम बल्लियों का इस्तेमाल किया गया है। हद तो यह है कि बरसात के पानी और बिजली प्रवाह से बचाने के लिए जमीनी सतह को बनाने में भी गंभीरता नहीं बरती जा रही है। इन शामियानों से बरसात के दौरान कर्मचारियों की सुरक्षा की बजाय दुर्घटना की आशंका अधिक नजर आने लगी है। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग के अधिकारी अब भी शामियानों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं।

पूरे मामले की जांच होगी
विधानमंडल समेत सभी इलाकों के वाटरप्रूफ शामियानों में लापरवाही की शिकायत मिली है। शिकायत में निर्धारित मानकों के अनुरूप काम को नहीं करने की जानकारी दी गई है। विधानमंडल के काम को लेकर कोई भी लापरवाही सहन नहीं की जा सकती है। सभी विभागों के प्रमुखों को प्रत्यक्ष निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
(उल्हास देबड़वार, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, नागपुर)

लोक निर्माण विभाग का निरीक्षण नहीं

नियमों के तहत लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्धारित मानकों का पालन कराने की जवाबदेही दी गई है, लेकिन इस विभाग के अधिकारी अपने दायित्वों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। इन सभी शामियानों के निर्माण की समीक्षा भी नहीं की गई है। शामियानों में पाबंदी के बावजूद तारपोल की बजाय प्लास्टिक लगाया जा रहा है। तारपोल के चलते पानी से सुरक्षा के साथ ही बिजली गिरने से आगजनी की घटनाओं से सुरक्षा होती है, वहीं प्लास्टिक के चलते आग को फैलने की आशंका अधिक रहती है। बावजूद इसके इनका निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। 

Created On :   26 Jun 2018 9:04 AM GMT

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