- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- सदन में उठे कई सवाल : 65 हजार करोड़...
सदन में उठे कई सवाल : 65 हजार करोड़ कहां गए, सबसे ज्यादा गड़बड़ी फडणवीस के नगर विकास विभाग में हुई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के वित्त मंत्री जयंत पाटील ने कैग की रिपोर्ट को गंभीर बताते हुए सवाल किया कि फडणवीस सरकार के समय जब काम पूरे ही नहीं हुए तो 65 हजार करोड़ की निधि कहां गई। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में गड़बड़ी का उल्लेख है, जो गंभीर मुद्दा है। सबसे ज्यादा गड़बड़ी नगर विकास विभाग में हुई है, जो उस वक्त मुख्यमंत्री फडणवीस के पास था।
बदले की भावना से काम नहीं करेंगे
पाटील ने कहा कि काम पूर्ण हुए है या नहीं, इसका प्रमाण पत्र लेना भी देवेंद्र फडणवीस सरकार ने जरूरी नहीं समझा। जैसी चाहिए वैसी निधि बांटी गई। फडणवीस सरकार के कार्यकाल में यह गड़बड़ी हुई है। आर्थिक घोटाला हुआ क्या, यह देखा जाएगा। उसके बाद आगे कदम उठाए जाएंगे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार को अजित पवार पर बोलने का अधिकार नहीं है। अजित पवार को लेकर ही फडणवीस सरकार चलाना चाहते थे। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अजित पवार पर मामले फडणवीस सरकार के समय दर्ज किए गए थे। मामले की जांच भी उन्हीं की सरकार के समय हुई और एसीबी ने क्लीन चिट भी भाजपा सरकार के समय ही दी। इसलिए भाजपा को इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहिए।
पिछली सरकार से बड़ी कर्जामाफी
वित्त मंत्री जयंत पाटील ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी से हमारी कर्जमाफी कहीं ज्यादा बड़ी है। उन्होंने कर्जमाफी का निर्णय लेने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन करते हुए दावा किया कि 2 लाख तक की कर्जमाफी किसानों के लिए पर्याप्त है। विधानमंडल परिसर में हुई महा विकास आघाड़ी की प्रेस कांफ्रेंस में श्री पाटील ने कहा कि पिछली सरकार ने 34 हजार करोड़ की कर्जमाफी की घोषणा की थी, जिसमें से 18 करोड़ की निधि ही मिल सकी है। हमारी सरकार ने किसानों 2-2 लाख तक कर्जमाफी का निर्णय लिया है आैर यह कर्जमाफी पिछली सरकार की तुलना में कई गुना ज्यादा है।
बैंक खाते में रकम पहुंचेगी
कर्जमाफी का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकारी कार्यालय या बैंक के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। किसान के बैंक खाते में रकम पहुंचेगी आैर आधार कार्ड देखकर वहां संबंधित किसान की पुष्टि हो जाएगी। इसके बाद सात-बारा पर दर्ज कर्ज का बोझ कम कर दिया जाएगा। केंद्र से किसानों के लिए अभी तक केवल साढ़े तीन हजार करोड़ की ही मदद मिली है। 15 हजार करोड़ की मदद अभी भी केंद्र से नहीं मिली है।
सांसद, विधायक या सरकारी कर्मचारी को लाभ नहीं मिलेगा
नियमित रूप से कर्ज का भुगतान करनेवाले किसानों के लिए सरकार स्वतंत्र रूप से विचार करेगी। कर्जमाफी का लाभ लेने के लिए जटिल प्रक्रिया या शर्तें नहीं रखी गई हैं। सांसद, विधायक या सरकारी कर्मचारी को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिलेगा।
और यह भी... आंध्र के कानून का हो रहा अध्ययन
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यौन उत्पीड़न मामलों के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने जो सख्त कानून बनाया है, उसका अध्ययन हो रहा है। आंध्र की तर्ज पर यहां भी कानून बनाने की दिशा में विचार हो रहा है। सरकार महिलाआें से ज्यादती करनेवालों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी।
Created On :   22 Dec 2019 4:12 PM IST